इंदौर। इस बार रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने और एक लाख घरों को रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम से जोडऩे का टारगेट दिया गया था, लेकिन यह अभियान बेहद धीमी गति से चल रहा है, जिसके चलते 20 दिनों में सिर्फ सौ यूनिट लगाने का ही काम पूरा हो पाया है। निगम का सारा अमला अन्य कार्यों में जुटा हुआ है, जिसके कारण यह कार्य प्रभावित हो रहा है। सभी बीओ, बीआई को भी निर्देश दिए गए थे कि 1500 स्क्वेयर से अधिक की छतों पर यह सिस्टम लगाना अनिवार्य है, मगर अब तक चुनिंदा जगह ही काम हुआ है।
नगर निगम कमिश्नर हर्षिका सिंह ने पिछले दिनों जनकार्य और जलकार्य विभाग के अफसरों की बैठक बुलाई थी, जिसमें रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को लेकर निर्देश जारी किए गए थे। ज्ञातव्य है कि नगर निगम ने पिछले वर्ष एक लाख से ज्यादा रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए थे और इसके साथ-साथ कई शासकीय कार्यालयों में भी सिस्टम लगाने का काम अंतिम दौर तक चलता रहा था। बीस दिन पहले सभी झोनों से लेकर संबंधित अधिकारियों और बीओ, बीआई को निर्देश दिए गए थे कि रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की 25 हजार यूनिट विभिन्न क्षेत्रों में लगाएं और उन्हें एक लाख घरों से जोडऩे का कार्य करें। मगर इस अभियान की शुरुआत ही कुछ झोनलों पर हुई और कहीं तो अभी इसकी शुरुआत ही नहीं हुई है, जिसके चलते सिर्फ 100 यूनिट लगाए जाने का काम बमुश्किल कुछ जगह हो पाया है। अधिकारियों का कहना है कि इंदौर गौरव दिवस और अन्य कार्यक्रमों के चलते सारा अमला उनमें व्यस्त था, जिसके चलते काम नहीं हो पाए। बीओ, बीआई को भी निर्देश दिए गए थे कि 1500 स्क्वेयर फीट से ज्यादा के भवनों की छतों पर सिस्मट लगाने की कार्रवाई की जाए और इसकी रिपोर्ट तैयार कर मुख्यालय को भी सौंपी जाए, मगर इसके बावजूद इस पर काम शुरू ही नहीं हुआ है। कई झोनलों पर अधिकृत ठेकेदारों की सूची टांगी जाती थी, वह भी नदारद है। कई रहवासी संगठनों की मदद लेकर निगम की टीमें यह काम बड़े पैमाने पर करती रही हैं। इस मामले को लेकर निगम अब कई औद्योगिक और अन्य संगठनों से मदद लेकर यह अभियान बड़े पैमाने पर शुरू करने की तैयारी कर रहा है, लेकिन वार्डों में अभियान की गति धीमी ही है।
इस बार न चैनलों की सफाई
न ही तालाबों का गहरीकरण
नगर निगम का अमला इस बार बारिश के पानी को सहेजने की तैयारियों के लिए कोई बड़ा अभियान नहीं चला पाया है। हर साल जलशक्ति मिशन के तहत निगम की टीमें विभिन्न तालाबों में आने वाले पानी की चैनलों की सफाई का अभियान चलाती थीं, साथ ही कई तालाबों का गहरीकरण किया जाता था, लेकिन इस बार अफसर इन सारे कामों को भूल गए। पूर्व में हुए कार्यों के चलते चैनलों की सफाई और तालाबों के गहरीकरण का फायदा पिछली बारिश के दौरान अच्छा खासा मिला था और तालाबों की स्थिति गर्मियों के दौरान तक बेहतर रही थी। वहीं बारिश का पानी चैनलों के मााध्यम से तालाबों तक पहुंचा था।
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