नई दिल्ली। कश्मीर (Kashmir) में आतंकियों (terrorists) द्वारा टारगेट किलिंग (Targeted Killings in Kashmir) के जरिए निर्दोष नागरिकों की हत्या (killing innocent civilians) के मुद्दे पर नई दिल्ली में बैठक हुई. इसमें यह फैसला लिया गया कि घाटी से कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandits) को पूरी तरह से शिफ्ट नहीं किया जाएगा बल्कि उन्हें सुरक्षित स्थान पर भेजा जाएगा. दरअसल पिछले कुछ दिनों में लगातार आतंकियों ने कश्मीरी पंडितों समेत कई नागरिकों को निशाना बनाया है. इसके बाद कश्मीरी पंडित घाटी से शिफ्ट किए जाने की मांग कर रहे हैं.
केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने शुक्रवार को नॉर्थ ब्लॉक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) के साथ कई बैठक की और बताया कि कश्मीर घाटी में बढ़ती हिंसा के लिए फिर से पाकिस्तान जिम्मेदार है. केंद्र सरकार से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने एनडीटीवी को बताया कि, कश्मीर में हिंसा भले ही बढ़ी हो लेकिन यह जिहाद नहीं है. इन घटनाओं को कुछ हताश तत्वों द्वारा अंजाम दिया जा रहा है और हिंसा असली गुनहगार सीमा के उस पार पाकिस्तान में बैठे हैं।
अधिकारियों ने गृहमंत्री अमित शाह को यह भी बताया कि, कश्मीर घाटी में तालिबान की मौजूदगी का कोई सबूत नहीं है. यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि नरेंद्र मोदी सरकार ने इस सप्ताह की शुरुआत में तालिबान के साथ अपनी बातचीत शुरू की है।
रॉ और आईबी चीफ ने गृहमंत्री को दी जानकारी
दिल्ली के नॉर्थ ब्लॉक में शुक्रवार को एक के बाद एक हुई बैठक में गृहमंत्री अमित शाह को आईबी और रॉ चीफ ने ब्रीफ किया. इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल और पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने भी घाटी में हिंसा से जुड़े हालात की जानकारी दी।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि, इस बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि कश्मीरी पंडितों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जाएगा, लेकिन कश्मीर से बाहर नहीं. केंद्र सरकार किसी भी जातीय सफाई का हिस्सा नहीं हो सकती है. क्योंकि हम बहु-सांस्कृतिक समाज में विश्वास करते हैं।
वहीं खुफिया एजेंसी के अनुसार, पाकिस्तान कश्मीर घाटी में हिंसा की इन वारदातों को और हवा दे सकता है, साथ ही बॉर्डर पर आतंकियों की घुसपैठ करा सकता है।
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