जबलपुर। हाई कोर्ट ने दोहरे हत्याकांड के आरोपित छिंदवाड़ा निवासी तांत्रिक रामदयाल बाबा की जमानत अर्जी मंजूर कर ली है। उस पर एडीजे व उनके पुत्र को जहर देकर मारने का आरोप लगा है। न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान आवेदक की ओर से अधिवक्ता संजीव तुली ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि आवेदक दो वर्ष से जेल में बंद है। मामले की ट्रायल प्रक्रिया में सभी गवाहियां हो चुकी हैं। इनमें ऐसे कोई तथ्य सामने नहीं आए, जिनसे आवेदक की दोष सिद्धि का ठोस आधार मिलता हो। लिहाजा, जमानत दे दी जानी चाहिए। बहस के दौरान राज्य की ओर से जमानत अर्जी का विरोध किया गया। दलील दी गई कि आवेदक पर मुख्य अभियुक्त संध्या सिंह सहित अन्य के साथ मिलकर एडीजे महेंद्र त्रिपाठी व उनके पुत्र अभियानराज त्रिपाठी को जहर देकर मारने का आरोप लगा है। सौभाग्य से एडीजे का दूसरा पुत्र आशीषराज इलाज के जरिये बच गया। इसी तरह पत्नी भाग्य त्रिपाठी ने रोटी नहीं खाई थी, इसलिए वे भी बच गईं। आरोपितों का इरादा पूरे परिवार को जहर देकर मारने का था।
अनबन के चलते की थी साजिश
दरअसल, रीवा निवासी संध्या सिंह छिंदवाड़ा में एनजीओ संचालित करती है। एडीजे त्रिपाठी जिन दिनों छिंदवाड़ा में पदस्थ थे, तभी दोनों की अक्सर मुलाकात हुई थी। जिससे दोस्ती गहरी हो गई। किंतु बैतूल स्थानांतरण के बाद एडीजे से मिलना मुश्किल हो गया। लिहाजा, किसी लेन-देन की बात पर अनबन हो गई। जिससे आक्रोशित होकर संध्या ने पूरे परिवार को मौत की नींद सुलाने का षडयंत्र रचा। इसके लिए तांत्रिक बाबा रामदयाल सहित अन्य को अपने साथ शामिल किया। तांत्रिक ने एडीजे परिवार की समस्या दूर करने आटा दिया, जिसमें जहर मिला था। जिसकी रोटियां खाने के बाद एडीजे व उनके दोनों बेटे बीमार हो गए। बाद में एडीजे व बड़े पुत्र की नागपुर में इलाज के दौरान मौत हो गई।
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