वाशिंगटन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका में शुक्रवार को भारतीय समुदाय के सामने एलान किया कि ह्यूस्टन विश्वविद्यालय में एक तमिल सीट स्थापित की जाएगी। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी ऑफ ह्यूस्टन में तमिल स्टडी चेयर की स्थापना करने से तमिल संस्कृति और दुनिया की सबसे प्राचीन तमिल भाषा का प्रभाव बढ़ाने में और मदद मिलेगी।
गौरतलब है, प्रधानमंत्री मोदी आज मिस्त्र के लिए रवाना हो गए हैं। इससे पहले वह अमेरिका की तीन दिवसीय यात्रा पर आए हुए थे। ये यात्रा दोनों देशों के लिए काफी दिलचस्प रही। इस दौरान पीएम मोदी को व्हाइट हाउस में परेड दी गई। इसके अलावा, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और उनकी पत्नी जिल बाइडन के साथ एक निजी रात्रिभोज किया। बाद में, पीएम मोदी के सम्मान में एक राजकीय डिनर रखा गया, जिसमें दुनिया की जानी-मानी हस्तियां शामिल हुईं।
अमेरिकी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। इस बीच शुक्रवार को उन्होंने भारतीय समुदाय को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि अमेरिका में मुझे जो प्यार मिला वह अद्भुत है। उन्होंने कहा कि मैं राष्ट्रपति बाइडन का आभारी हूं बीते 3 दिनों में लगातार हम साथ रहें। कई विषयों पर हमारी खुलकर बातचीत हुई। मैं अनुभव से कहता हूं कि वे एक सुलझे हुए अनुभवी नेता हैं। भारत-अमेरिका पार्टनरशिप को एक नई ऊंचाई पर ले जाने वाले व्यक्तिगत रूप से उनका बहुत प्रयास रहा है और मैं सार्वजनिक रूप से उनके इस प्रयासों की सराहना करता हूं।
पीएम मोदी ने कहा कि आज आप ये भी देखकर गर्व से भरे हुए हैं कि कैसे भारत का सामर्थ्य आज पूरे विश्व के विकास को दिशा दे रहा है। आज भारत दुनिया के उन देशों में से एक है जहां अर्थव्यवस्था इतनी तेजी से आगे बढ़ रही है। आज पूरी दुनिया की नजर भारत पर है। भारत में गूगल का एआई रिसर्च सेंटर 100 से ज्यादा भारतीय भाषाओं पर काम करेगा। इससे भारत में ऐसे बच्चों को पढ़ने में आसानी होगी जिनकी मातृभाषा अंग्रेजी नहीं है।
उन्होंने आगे घोषणा करके हुए कहा कि भारत सरकार की मदद से यूनिवर्सिटी ऑफ ह्यूस्टन में तमिल स्टडी चेयर की स्थापना की जाएगी। इससे तमिल संस्कृति और दुनिया की सबसे प्राचीन तमिल भाषा का प्रभाव बढ़ाने में और मदद मिलेगी। साथ ही भारत के इतिहास और संस्कृति के अनुसंधान और शिक्षण को आगे बढ़ाने के लिए शिकागो विश्वविद्यालय में विवेकानन्द पीठ को पुनः स्थापित करेंगे।
प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति बाइडन ने संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के बीच बढ़ती द्विपक्षीय शिक्षा साझेदारी की सराहना की। संयुक्त बयान में कहा गया है कि भारतीय छात्र जल्द ही संयुक्त राज्य अमेरिका में सबसे बड़ा विदेशी छात्र समुदाय बनने की ओर अग्रसर हैं। पिछले साल अकेले अमेरिका में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में लगभग 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
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