वॉशिंगटन। भारत के संविधान (constitution of india) निर्माता डॉ. बीआर आंबेडकर (Dr. BR Ambedkar) की अमेरिका की सबसे ऊंची प्रतिमा (tall statue) का राजधानी वॉशिंगटन डीसी में अनावरण किया गया। इस दौरान भारी संख्या में भारतीय मूल के लोग मौजूद रहे और उन्होंने ‘जय भीम’ (Jai Bheem) के खूब नारे लगाए। डॉ. आंबेडकर की प्रतिमा को ‘स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी’ (‘Statue of Equality’) का नाम दिया गया है। डॉ. आंबेडकर की यह प्रतिमा वॉशिंगटन डीसी के उपनगर मेरीलैंड में स्थापित की गई है।
प्रतिमा के अनावरण के समय हल्की बूंदाबांदी हो रही थी, इसके बावजूद लोगों के उत्साह में कोई कमी नहीं थी। पूरे अमेरिका और भारत से भी कुछ लोग प्रतिमा के अनावरण के समय मेरीलैंड में मौजूद रहे। कई तो करीब 10 घंटे का सफर करके वहां पहुंचे थे। इस ऐतिहासिक मौके पर करीब 500 भारतीय या भारतीय मूल के लोग मौजूद रहे।
अमेरिका में स्थापित की गई डॉ. आंबेडकर की इस प्रतिमा का अनावरण मशहूर मूर्तिकार राम सुतार ने किया। राम सुतार ने ही गुजरात में नर्मदा नदी के किनारे स्थित सरदार पटेल की प्रतिमा का भी निर्माण किया है। आंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर के अध्यक्ष राम कुमार ने कहा कि इसे स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी का नाम दिया गया है क्योंकि ना सिर्फ भारत में बल्कि हर जगह असमानता अलग अलग रूप में मौजूद है।
14 अप्रैल 1891 को जन्में डॉ. भीमराव आंबेडकर अपने अनुयायियों के बीच बाबा साहेब के नाम से प्रसिद्ध हैं और वह भारत की संविधान सभा की ड्राफ्टिंग समिति के अध्यक्ष रहे। अमेरिका में राष्ट्रपति भवन व्हाइट हाउस से ‘स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी’ दक्षिण में करीब 22 मील दूर है। 13 एकड़ में बने इस सेंटर प्रतिमा के अलावा लाइब्रेरी, कन्वेंशन सेंटर और बुद्ध गार्डन भी है।
दलित इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि कुमार नारा ने कहा कि अमेरिका में बाबा साहेब की प्रतिमा का अनावरण ऐतिहासिक पल है। 75 साल की स्वतंत्रता के बाद अब लोगों को एहसास हुआ है कि डॉ. आंबेडकर ने कितना अहम काम किया है, तभी दिन बीतने के साथ ही उनकी लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। पहले उन्हें सिर्फ दलित नेता माना जाता था लेकिन अब पूरा देश जानता है कि महिला सशक्तिकरण और समाज के कमजोर वर्गों के लिए डॉ. आंबेडकर का योगदान कितना अहम है।
बता दें कि रवि कुमार नारा डॉ. आंबेडकर की प्रतिमा के अनावरण के लिए भारत से अमेरिका गए हैं। अमेरिका में आंबेडकर मूवमेंट के नेता दिलीप महास्के ने बताया कि स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी भारत के 140 करोड़ लोगों और 45 लाख भारतीय अमेरिकियों का प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने कहा कि यह प्रतिमा अमेरिका में रहने वाले भारतीयों को प्रेरित करती रहेगी। डॉ. आंबेडकर की प्रतिमा के अनावरण के समय सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए।
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