नई दिल्ली । भारत (India) के विदेश मंत्री (Foreign Minister) एस. जयशंकर (S. Jaishankar) ने मंगलवार को श्रीलंका (Sri Lanka) में कहा कि अंतरराष्ट्रीय शांति (International Peace) और सुरक्षा को बनाए रखने (Maintaining Safety) की बात अब हल्के में नहीं ली जा सकती (No longer be Taken Lightly) है। रूस-यूक्रेन युद्ध ने अंतरराष्ट्रीय अशांति को बढ़ा दिया है ।
बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग (बिम्सटेक) मंत्रिस्तरीय बैठक के लिए बंगाल की खाड़ी की पहल के दौरान बोलते हुए, जयशंकर ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण चरण से गुजर रही है। कोविड की चुनौतियां अभी पूरी तरह से समाप्त नहीं हुई है। लेकिन यूक्रेन में हाल के घटनाक्रमों ने अंतरराष्ट्रीय अशांति को बढ़ा दिया है। हम सभी ने रेखांकित किया है कि अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा और यहां तक कि स्थिरता के रखरखाव को अब हल्के में नहीं लिया जा सकता है।
जयशंकर 28 मार्च से 30 मार्च तक श्रीलंका के दौरे पर हैं। उन्होंने कहा कि बिम्सटेक के सदस्य देशों को यह स्वीकार करना चाहिए कि हम वैश्विक अर्थव्यवस्था से और कुछ मामलों में अपनी घरेलू अर्थव्यवस्थाओं से विपरीत परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं।
बिम्सटेक एक क्षेत्रीय संगठन है जिसकी स्थापना 6 जून 1997 को बैंकॉक घोषणापत्र पर हस्ताक्षर के साथ हुई थी। बिम्सटेक के सदस्य देश बांग्लादेश, भूटान, भारत, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड हैं।
जयशंकर ने आगे कहा कि चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में, सदस्य देशों को घरेलू क्षमताओं को बढ़ाना चाहिए और बिम्सटेक के तहत सहयोग को व्यापक और गहरा करने की भी आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हमें कई और क्षेत्रों में एक साथ काम करने की जरूरत है। हमें अधिक प्रभावी और तेज गति से सहयोग की जरूरत है। हमें पिछले 25 वर्षों में जो हासिल किया है उसे तेज करने और बनाने की जरूरत है।
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