कंधार। अफगानिस्तान (Afghanistan) के कंधार(Kandhar) में लंबे समय से खाली सैन्य छावनी (empty military cantonment) में रहने वाले गरीब अफगान घरों से निकालने के आदेश (Orders to be removed from poor Afghan homes) से स्तब्ध हैं। इस तालिबानी आदेश (Talibani Order) के खिलाफ सैकड़ों लोगों ने प्रदर्शन (Hundreds of people demonstrated) कर कहा, उन्हें नहीं पता कि अब वे कहां जाएंगे।
प्रदर्शन के बाद तालिबान कार्यकर्ता परिसर में आए और कई प्रदर्शनकारियों को वहां से जाने को मजबूर किया। प्रदर्शनकारी फिलहाल कहां हैं, इसकी जानकारी किसी को नहीं है। तालिबान(Taliban) ने 2,500 परिवारों को घर व सारा सामान छोड़कर जाने को कहा है ताकि लड़ाके वहां रह सकें।
गनी के भागने से बड़ी योजना पर पानी फिरा : खलीलजाद
तालिबान के साथ राजनीतिक समाधान के लिए शुरू वार्ता के विशेष प्रतिनिधि जलमय खलीलजाद ने अफगानिस्तान से अमेरिका व नाटो सैनिकों के देश छोड़ने के बाद पहली बार सार्वजनिक बयान दिया है।
उन्होंने कहा, यदि राष्ट्रपति अशरफ गनी अचानक देश छोड़कर भागे न होते तो हालात कुछ और होते। तालिबान के साथ अंतिम समय में बनी सहमति पर गनी के भागने से पानी फिर गया। एक साक्षात्कार में खलीलजाद ने कहा कि सियासी समाधान के लिए तालिबान से चल रही वार्ता में कट्टरपंथियों को काबुल से अलग रखने और राजनीतिक हस्तांतरण पर बातचीत हो रही थी।
इस योजना के तहत गनी को कतर में किसी समझौते पर पहुंचने तक पद पर बने रहना था। योजना के तहत तालिबान के काबुल में दरवाजे तक पहुंचने पर भी उन्हें भागना नहीं था। लेकिन 15 अगस्त को गनी के भागने से सुरक्षा व्यवस्था में खालीपन आ गया।
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