कसूर सिर्फ इतना कि… थानेदार को सिगरेट का पैकेट नहीं दिया
इंदौर। तुकोगंज (Tukoganj ) थाने में रात को एक दुकानदार (shopkeeper) को उठाकर ले गए थानेदार (police officer) और उसके साथियों ने तालिबानी सजा (Taliban punishment) दी। उसे निर्वस्त्र (Nude) कर बेरहमी से पीटा। करीब डेढ़ घंटे तक उसकी पिटाई करने के बाद उसे थाने से रवाना कर दिया। उसका सरकारी अस्पताल (hospital) वाले इलाज कराने को तैयार नहीं हैं। प्राइवेट अस्पताल में इलाज जारी है। उसका कसूर इतना था कि एक थानेदार को उसने मुफ्त में सिगरेट (Cigarette) का पैकेट नहीं दिया। पलासिया चौराहे के पीछे शिवशंकर नाश्ते की दुकान है। दुकान का संचालन जय जोशी और उसका भाई मयूर जोशी निवासी जगजीवनराम नगर करते हैं।
बीआरटीएस के करीब होने के चलते यह दुकान देर रात तक चलती है। दुकानदार मयूर जोशी का कहना है कि दुकान में आने वाले पुलिसकर्मियों को मुफ्त में नाश्ता, चाय दे देते हैं। 15 दिन पहले तुकोगंज थाने का थानेदार शैलेंद्र अग्रवाल आया और उसने सिगरेट का पैकेट मांगा और पैसे नहीं देने पर उससे पैसे मांग लिए, जिसकी खुन्नस पालते हुए कल रात ढाई बजे वह सरकारी गाड़ी से आया और भाई जय तथा दो अन्य कर्मचारियों को थाने ले गया। रास्तेभर प्रताडि़त करता रहा कि सिगरेट के पैसे चाहिए। इसके बाद थाने ले जाकर कपड़े उतरवाए और जमकर डंडे बरसाए। जय के कर्मचारियों को तो तत्काल छोड़़ दिया, लेकिन जय को सुबह चार बजे छोड़ा। जय को उसके परिजन इलाज के लिए एमवाय अस्पताल लेकर गए और एमएलसी कराने की बात कही तो अस्पताल वाले कहने लगे कि पुलिस वाले कहेंगे तब मेडिकल होगा। जय के शरीर और पैरों पर पुलिस के डंडे बरसाने के निशान साफ देखे जा सकते हैं। उसका इलाज निजी अस्पताल में कराया जा रहा है। अब इसकी शिकायत उसके परिजन आला अफसरों से करेंगे।
विवादों में रहता है थानेदार शैलेंद्र अग्रवाल
थानेदार शैलेंद्र अग्रवाल को विवादों में रहने के चलते कई थानों से अफसरों ने हटाया है, लेकिन उसके रिश्तेदारों की अच्छी पकड़ होने के चलते वह वापस कोई न कोई अच्छा थाना ले लेता है। अग्रवाल इससे पहले भंवरकुआं थाना, जूनी इंदौर थाना और चंदन नगर थाना में पदस्थ रहा है। यहां भी उसके कई कारनामे उजागर हुए तो उसे हटाया गया था।
बड़े भाई से बोला तेरे भी कपड़े उतारूं क्या…
जय के साथ हुई मारपीट के बाद उसका भाई मयूर जब थानेदार शैलेंद्र अग्रवाल के पास गया और कहने लगा कि उसके कपड़े क्यों उतरवाए, उसने ऐसा क्या कर दिया तो वह मयूर को कहने लगा कि तेरे भी कपड़े उतरवाऊं क्या। इस पर मयूर मायूस होकर थाने से लौटा।
ऐसी बर्बरता इंदौर की पहचान नहीं
इंदौर पुलिस ने आम जनता को विश्वास में लेकर इन दिनों कई अच्छे काम किए है। अफसर पुलिस की छबि सुधारने के लिए पुलिस स्टेशनों में सख्त निर्देश दे रहें है कि बदमाशों को छोडक़र किसी शहरी को प्रताडि़त नहीं करें। कोई शिकायत लेकर थाने में आए तो उससे अच्छा व्यवहार करें। शहर के कई थानों में अच्छी पुलिसिंग हो भी रही है लेकिन कुछ ऐसे पुलिस वाले भी है जो पुलिस की छबि पर दाग लगा रहें है और छबि सुधारने वाले अफसरों की मेहनत पर पानी फेर रहें है। यह घटना इस पूरे मामले का उदाहरण है।
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