इस्लामाबाद। तालिबान और पाकिस्तानी सेना के बीच अफगान सीमा पर डूरंड लाइन को लेकर विवाद घटने की बजाय बढ़ता जा रहा है। हालत यह हो गई है कि दोनों ही ओर से सेनाएं आमने-सामने हैं और तोपें आग उगल रही हैं। गोलाबारी की ताजा घटना रविवार रात को उस समय हुई है, जब पाकिस्तानी सेना ने तालिबानी ठिकानों पर तोपों से गोले बरसाना शुरू कर दिया। इसके जवाब में तालिबानी आतंकियों ने गोले बरसाए हैं।
अफगानिस्तान से निर्वासन में रह रहे चर्चित पत्रकार बिलाल सरवरी के मुताबिक रविवार रात को तालिबानी सैनिकों और पाकिस्तानी सैनिकों के बीच में झड़प हुई है। पाकिस्तानी सेना की ओर से दागे गए तोप के कई गोले अफगानिस्तान के कुनार जिले के सरकानो जिले में जाकर गिरे। इसके जवाब तालिबानी आतंकियों ने भी जोरदार पलटवार किया। उन्होंने भी अपनी तोपों से कम से कम 10 गोले पाकिस्तानी सेना पर दागे।
10 फीसदी हिस्से पर बाड़ लगाने का तालिबानी विरोध कर रहे
इससे पहले पाकिस्तान की सेना ने शुक्रवार को कहा था कि वह तालिबान के साथ सहमति के बाद ही सीमा डूरंड लाइन के बचे हुए काम को पूरा करेगी। माना जा रहा कि तालिबानी पाकिस्तानी सेना की ओर से लगाई जा रही बाड़ से सहमत नहीं हैं और वे लगातार इसका विरोध कर रहे हैं। ताजा झड़प से पहले अब तक कई बार तालिबान और पाकिस्तानी सेना के बीच बाड़ लगाने को लेकर हिंसक झड़प हो चुकी है।
पाकिस्तान ने अफगानिस्तान से लगती 2,670 किमी लंबी सीमा के 90 फीसदी हिस्से पर बाड़ लगा लिया है लेकिन 10 फीसदी हिस्से पर बाड़ लगाने का तालिबानी विरोध कर रहे हैं। दरअसल, तालिबान शुरू से ही पाकिस्तान-अफगानिस्तान के बीच की सीमा यानी डूरंड लाइन को नहीं मानता है। उसका दावा है कि अफगानिस्तान का इलाका वर्तमान सीमा के काफी आगे तक है। यह इकलौता ऐसा मुद्दा है, जिसपर अफगानिस्तान की पूर्व नागरिक सरकार और तालिबान एकमत थे। तालिबान ने डूरंड लाइन पर पाकिस्तान की बाड़बंदी को गिरा भी दिया है।
तालिबान डूरंड लाइन का विरोध करता है
अफगानिस्तान के बहुसंख्यक पश्तून और तालिबान ने कभी भी डूरंड लाइन को आधिकारिक सीमा रेखा नहीं माना है। तालिबान के शीर्ष प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने अफगानिस्तान पर कब्जे के तुरंत बाद कहा था कि नई अफगान सरकार इस मुद्दे पर अपनी रूख का ऐलान करेगी। उन्होंने दावा किया था कि पाकिस्तान की बनाई बाड़ ने लोगों को अलग कर दिया है और परिवारों को विभाजित कर दिया है। हम सीमा पर एक सुरक्षित और शांतिपूर्ण माहौल बनाना चाहते हैं, इसलिए अवरोध पैदा करने की कोई जरूरत नहीं है।
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