काबुल। अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबानी शासन (Taliban regime) आने के बाद से हालात बिगड़ते ही जा रहे हैं। लोगों में जहां दहशत का माहौल है, वहीं ह्यूमन राइट्स वॉच (human rights watch) ने जो अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया है वह बेहद चौकाने वाला है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि तालिबानी(Taliban) लड़ाकों ने अफगानिस्तान में सत्ता (power in afghanistan) में आने के बाद से 100 से अधिक पूर्व पुलिस और खुफिया अधिकारियों को या तो मार डाला है या जबरन गायब कर दिया है। वहीं अब इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद पश्चिमी देशों ने तालिबान को कड़ी चेतावनी दी (Western countries give stern warning to Taliban) है। अमेरिका, यूरोपीय संघ, कनाडा और ब्रिटेन(US, EU, Canada and UK) सहित पश्चिमी देशों ने कहा कि वे लगातार तालिबान के कार्यों का मूल्यांकन जारी रखेंगे। पश्चिमी देशों ने कहा कि तालिबान की कथित कार्रवाई मानवाधिकार का गंभीर हनन है। इसकी जल्द से जल्द जांच होनी चाहिए। पश्चिमी देशों ने कहा कि तालिबान को मानवाधिकार संगठन की इस रिपोर्ट पर जल्द से जल्द स्पष्टीकरण देना चाहिए। पश्चिमी देशों का यह बयान ह्यूमन राइट्स वॉच की 25 पेज की रिपोर्ट जारी करने के कुछ दिनों बाद आया है।
पश्चिमी देशों ने कहा कि रिपोर्ट किए गए मामलों की तुरंत और पारदर्शी तरीके से जांच की जानी चाहिए, जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। पश्चिमी देशों ने कहा कि तालिबान पूर्व सैन्य अधिकारियों की हत्या पर तुरंत रोक लगाए नहीं तो हम कार्रवाई करने के लिए मजबूर होंगे। हमलोग तालिबान की हर कार्रवाई का मूल्यांकन कर रहे हैं। बयान जारी करने वाले देशों में संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, बुल्गारिया, कनाडा, डेनमार्क, यूरोपीय संघ, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, जापान, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, उत्तरी मैसेडोनिया, पोलैंड, पुर्तगाल, रोमानिया, स्पेन, स्वीडन, स्विट्ज़रलैंड, यूनाइटेड किंगडम और यूक्रेन शामिल हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि तालिबान लड़ाकों ने अफगानिस्तान में सत्ता पर काबिज होने के बाद से 100 से अधिक पूर्व पुलिस और खुफिया अधिकारियों को या तो क्रूरतापूर्वक मार डाला है या जबरन गायब कर दिया है। रिपोर्ट में कहा गया कि तालिबान ने अपदस्थ सरकार के सशस्त्र बलों द्वारा माफी मांगने के बावजूद उनके खिलाफ जवाबी कार्रवाई जारी रखा। तालिबान ने सरकारी रोजगार रिकॉर्ड का उपयोग करते हुए पूर्व अधिकारियों और आत्मसमर्पण करने वालों को निशाना बनाया है। कुछ मामलों में, स्थानीय तालिबान कमांडरों ने लक्षित किए जाने वाले लोगों की सूची यह कहते हुए तैयार की है कि उन्होंने अक्षम्य कृत्य किए हैं। मानवाधिकार निगरानी समूह ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि हत्याओं के स्वरूप से पूरे अफगानिस्तान में आतंक उत्पन्न हो गया है। देश में पूर्व सरकार से जुड़ा कोई भी शख्स इन दिनों खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि तालिबान ने पूर्वी नांगरहार प्रांत में इस्लामिक स्टेट समूह का समर्थन करने वाले लोगों को भी निशाना बनाया है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि प्रांत की राजधानी जलालाबाद में मंगलवार को उस समय आठ घंटे तक भीषण गोलीबारी हुई जब तालिबान ने आईएस आतंकवादियों के एक संदिग्ध ठिकाने पर धावा बोल दिया।