काबुल। तालिबान ने रविवार को सैकड़ों लोगों से भरे कम से कम चार चार्टर्ड विमानों को मजार-ए-शरीफ शहर के एयरपोर्ट से उड़ान भरने से जबरन रोक दिया। एक रिपब्लिकन सांसद ने अमेरिका में दावा किया कि इनमें विमानों में मौजूद यात्रियों में बहुत सारे अमेरिकी नागरिक भी थे, जबकि बाकी लोग अफगानिस्तान में अमेरिकी व जर्मनी की सेनाओं के साथ काम कर रही कंपनियों के अफगान कर्मचारी व उनके परिजन थे।
हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि अमेरिका की तरफ से पीछे छूट गए लोगों को उड़ान भरने में मदद करने का दबाव बढ़ाए जाने के बावजूद तालिबान ने इन विमानों को क्यों रोक लिया है। एक अफगान अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि रोके गए विमान दोहा जाने वाले थे।
इन विमानों के अधिकतर यात्रियों के पास देश छोड़ने के लिए आवश्यक वैध वीजा या पासपोर्ट नहीं था। उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट पर स्थिति सामान्य होने के बाद इन सभी को वापस भेज दिया गया और कुछ को कागजात पूरे होने तक के लिए होटलों में ठहराया गया है।
लेकिन अमेरिकी संसद की विदेश मामले समिति के सदस्य शीर्ष रिपब्लिकन सांसद माइकल मैक्कॉल ने फॉक्स न्यूज संडे से कहा कि अमेरिकी नागरिकों समेत सभी यात्री विमान में सीटों पर बैठ चुके थे और वह उड़ान भरने के लिए तैयार था। लेकिन तालिबान ने उन्हें बंधक बनाकर अपने पास रख लिया है। उन्होंने ऐसे छह विमान होने का दावा किया।
हालांकि उन्होंने खुद को मिली जानकारी का स्रोत साझा करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि मुझे डर है तालिबान उनके बदले में ज्यादा से ज्यादा मांग पूरी कराने के लिए दबाव बना सकता है। यह मांग नकदी की भी हो सकती है या फिर तालिबान अपनी सरकार को मान्यता दिए जाने की मांग भी कर सकता है।
मजार-ए-शरीफ शहर के नागरिकों ने भी कहा कि यात्री एयरपोर्ट पर मौजूद थे, लेकिन अब वहां नहीं हैं। कई नागरिकों ने ऐसे कम से कम 10 परिवारों को एक स्थानीय होटल में अपने भाग्य पर फैसले के इंतजार में बैठे देखे जाने का दावा किया। कई परिवार रेस्टोरेंटों में देखे गए हैं।
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