काबुल । अफगानिस्तान (Afganistan) में तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार (Taliban led Government) ने विनाशकारी भूकंप के बाद (After Devastating Quak) अंतर्राष्ट्रीय समुदाय (International Community) से केंद्रीय बैंक की संपत्ति को अनफ्रीज करने (Unfreezing of Afghan Reserves) की अपील की है (Appeals)। देश के पकतिका प्रांत में पिछले सप्ताह आए विनाशकारी भूकंप के बाद संघर्ष कर रहा है, जिसमें कम से कम 1,100 लोग मारे गए थे।
खामा न्यूज ने के मुताबिक, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल कहर बल्खी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि “तालिबान शासन दुनिया से अफगानों को उनका सबसे बुनियादी अधिकार देने के लिए कह रहा है, जो उनके जीवन का अधिकार है। प्रतिबंध हटाकर हमारी संपत्ति को मुक्त किया जाए और मदद भी की जाए।” अगस्त, 2021 में काबुल तालिबान के हाथों में आने के बाद देश के केंद्रीय बैंक द अफगानिस्तान बैंक (डीएबी) के 9 अरब डॉलर से अधिक की संपत्ति अमेरिका ने जब्त कर ली थी, साथ ही विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने धन देना बंद कर दिया था।
बल्खी की अपील के कुछ दिनों बाद उन्होंने कहा था कि तालिबान सरकार जरूरत के हिसाब से लोगों की सहायता करने में आर्थिक रूप से असमर्थ थी, क्योंकि अफगानिस्तान एक चल रहे मानवीय और आर्थिक संकट के बीच में है। उन्होंने कहा कि सहायता एजेंसियों, पड़ोसी देशों और विश्व शक्तियों से मिल रही मदद के बावजूद सहायता को बहुत बड़े पैमाने पर बढ़ाने की जरूरत है, क्योंकि यहां दशकों बाद एक विनाशकारी भूकंप आया, जिसने भारी तबाही मचाई है।
22 जून को आए भूकंप के बाद से प्रभावितों की मदद के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहायता आई है। अब तक भारत, पाकिस्तान, चीन, ईरान, ब्रिटेन, नॉर्वे, उज्बेकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और रेडक्रॉस जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठन ने मदद भेजी है। 22 जून को 5.9-तीव्रता वाला भूकंप आया था। दो दशकों में ऐसा घातक भूकंप नहीं आया था। गयान और बरमल जिलों में भारी तबाही हुई। लगभग 1,600 लोग घायल भी हुए। भूकंप का केंद्र खोस्त शहर से 44 किमी दूर था और झटके पाकिस्तान और भारत तक महसूस किए गए। सबसे अधिक प्रभावित गयान जिले में 1,600 से अधिक मकान जमींदोज हो गए।
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