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पैसों की कमी के कारण पढ़ाई से वंचित नहीं रहेंगे टेलेंट बच्चे

March 26, 2022

  • मुख्यमंत्री ने 2.40 लाख ओबीसी छात्रों के खातों में डाली छात्रवृत्ति

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जिन विद्यार्थियों में टेलेंट है, जो पढ़ाई में अच्छे हैं और प्रतिभा सम्पन्न हैं, वे पैसे की कमी के कारण पढ़ाई से वंचित नहीं रहेंगे। राज्य सरकार ने ऐसे बच्चों को पढ़ाई के हर स्तर पर मदद करने के लिए विभिन्न योजनाएँ बनाई हैं। संबल योजना भी इसी उद्देश्य से बनाई गई है, जिससे हमारे गरीब परिवारों के प्रतिभाशाली बच्चे भी उच्च शिक्षा प्राप्त कर अपना सपना साकार कर सकें। मुख्यमंत्री दो लाख 40 हजार विद्यार्थियों के खातों में 331 करोड़ रुपए की पिछड़ा वर्ग पोस्ट मेट्रिक छात्रवृत्ति सिंगल क्लिक से अंतरित करने के बाद विद्यार्थियों से वर्चुअली संवाद कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य के प्रति सकारात्मक रहना और अपने लक्ष्य के प्रति उत्साह से प्रयास करने से ही सफलता प्राप्त होती है। यह वास्तविकता है कि किसानों की आय इतनी अधिक नहीं होती कि वे पढ़ाई-लिखाई पर अधिक खर्च कर सकें। मजदूर परिवारों से आए बच्चों के सम्मुख भी यह समस्या है। आप मेहनत करें, लक्ष्य के प्रति समर्पित रहें, राज्य सरकार आपका साथ देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष 703 करोड़ रुपए स्कॉलरशिप के रूप में दिये जाएंगे। कोरोना काल में व्यवस्था प्रभावित हुई थी, लेकिन अब विद्यार्थियों को समय पर छात्रवृत्ति की राशि प्राप्त होगी।


हर साल 6 लाख छात्रों को मिलती है छात्रवृत्ति
पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग प्रतिवर्ष लगभग छह लाख से अधिक विद्यार्थियों को पोस्ट मेट्रिक छात्रवृत्ति का वितरण करता है। यह छात्रवृत्ति, स्नातक, स्नातकोत्तर तथा तकनीकी एवं व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को दी जाती है। छात्रवृत्ति विद्यार्थियों के एकल बैंक खातों में जारी की जाती है। जिन विद्यार्थियों के माता-पिता और अभिभावकों की समस्त स्त्रोतों से वार्षिक आय 3 लाख रुपए से कम है, वे छात्रवृत्ति के लिए पात्र हैं। साथ ही लगभग 32 लाख से अधिक बच्चों को प्री-मेट्रिक छात्रवृत्ति का वितरण स्कूल शिक्षा विभाग के माध्यम से किया जाता है।

छात्रों ने बताया सरकारी मदद से पढ़े
मुख्यमंत्री से वर्चुअल संवाद में सीधी जिले की छात्रा सुश्री सोनिका यादव ने कहा कि राज्य सरकार की योजनाओं के परिणाम स्वरूप ही हम यहाँ तक पढ़ाई कर पाए हैं। सीहोर जिले के बुधनी में लकड़ी के खिलौने बनाने वाले सुजान विश्वकर्मा के पुत्र शुभम विश्वकर्मा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम) कोलकाता से एमबीए कर रहे हैं। राज्य शासन द्वारा उनकी 11 लाख 54 हजार 500 रूपए की फीस का भुगतान किया जा रहा है। मुख्यमंत्री चौहान को मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कर रहे देवास के अभिषेक विश्वकर्मा ने बताया कि उनके पिता मजदूर हैं। राज्य शासन से प्राप्त छात्रवृत्ति के भरोसे ही उनकी बीई करने की योजना है। उज्जैन की सुश्री पल्लवी बैरागी बीएससी सांख्यिकी की छात्रा हैं। वे यूपीएससी की परीक्षा देकर आईएएस बनना चाहती हैं। मंडला जिले के किसान परिवार की सुश्री अंजलि यादव नर्सिंग का कोर्स कर रही हैं।

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