नई दिल्ली। सर्दियों (winter) ने दस्तक दे दी हैं. लोग सर्दी की चपेट में आने के कारण खांसी और गला खराबी की शिकायत कर रहे हैं. डॉक्टरों का कहना है कि सामान्य सर्दी या वायरल फीवर होने पर गले में खराश (sore throat) हो सकती है. यह एक तरह का बैक्टीरियल इन्फेक्शन भी हो सकता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि गले की खराबी के कारण केवल सर्दी या वायरल फीवर नहीं, अन्य गंभीर बीमारियों (serious diseases) का लक्षण भी हो सकता है. समय रहते इन लक्षणों की पहचान करने की जरूरत है. आज इन्हीं पर बात करते हैं.
सर्दी – जुखाम
सामान्य सर्दी मौसमी फीवर (seasonal fever) है. यह नाक और सांस नली में होने वाला वायरल इंफेक्शन है. कई प्रकार के वायरस सामान्य सर्दी का कारण बन जाते हैं. इसमें नाक बहना, गले में खराश, हल्का सिरदर्द, कंजेशन या छींक आना जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं. नार्मली यह फीवर 5 से 7 दिन में चला जाता है.
गले का कैंसर
वॉयस बॉक्स, ग्रसनी यानि, टॉन्सिल (tonsils) में डेवलप होने वाला ट्यूमर को गले का कैंसर कहा जाता है. गले का कैंसर आमतौर पर फ्लैट कोशिकाओं में शुरू होता है. वॉयस बॉक्स गले के ठीक नीचे पाया जाता है और कैंसर के लिए बेहद सेंसिटिव होता है. टॉन्सिल कैंसर भी गले का कैंसर है. इसके लक्षणों में गले में खराश, खांसी, निगलने में कठिनाई, आवाज बदलने जैसे लक्षण हो सकते हैं.
डिस्फेजिया होना
निगलने में परेशानी होने की बीमारी को डिस्फेजिया कहा जाता है. इसमें कुछ भी निगलते समय भोजन या लिक्विड निगलते समय कठिनाई होती है. कुछ मामलों में निगलने से दर्द भी हो सकता है। कभी-कभी निगलने में कठिनाई तब होती है जब उसे सही ढंग से नहीं चबा पाते. इसमें मुंह में लार आना, निगलते समय दर्द, गले में खराश जैसे लक्षण दिखते हैं.
टॉन्सिल में इन्फेक्शन होना
टोंसिल में होने वाले इन्फेक्शन को टोंसिलिटिस कहा जाता है. इसमें वायरल इन्फेक्शन होने के कारण यह सूज जाते हैं. इसमे निगलने में कठिनाई, गले में खराश, गले में खराश, सांसों की दुर्गंध या गर्दन में अकड़न जैसे लक्षण शामिल हैं.
नोट– उपरोक्त दी गई जानकारी व सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के लिए है हम इसकी जांच का दावा नहीं करते हैं इन्हें अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.
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