जबलपुर। घंटाघर स्थित प्रतिष्ठित तकी रजा अस्पताल इन दिनों महिलाओं के लिए काल बन चुका है। इस अस्पताल में डिलीवरी के लिए पहुंचने वाली प्रसूतिकाओं की जान की कीमत कुछ भी नहीं। सालभर में आधा दर्जन प्रसूतिकाओं की मौत कुछ ऐसा ही बयान करती है। ये आरोप यूथ फेडरेशन जबलपुर ने लगाए हैं। इन्हीं आरोपों के चलते यूथ फेडरेशन जबलपुर के पदाधिकारियों की ओर से प्रभारी सीएमएचओ को एक शिकायत पत्र सौंपा गया है। जिसमें अस्पताल में हो रहीं प्रसूतिकाओं की मौतों की जांच की मांग की गई है। यूथ फेडरेशन जबलपुर के अध्यक्ष जमा खान ने बताया कि तकी रजा अस्पताल में पिछले एक साल में आधा दर्जन प्रसूतिकाओं की मौत हुई है। विगत 9 अगस्त को भी कुछ ऐसा ही मामला सामने आया। जिसमें नया मोहल्ला की एक महिला को भर्ती कराया गया। 12 दिन भर्ती रहने वाली महिला का दो बार ऑपरेशन किया गया। इसके बावजूद महिला की मौत हो गई। इस मौके पर आजाद अली, आमीन अंसारी आदि ने यह भी बताया कि अस्पताल में किसी भी महिला को भर्ती कराते वक्त 35 हजार रुपए फिक्स रेट के रूप में जमा करना होता है। अस्पताल प्रबंधन गरीबों को इलाज के नाम पर लूट रहा है। यही नहीं अस्पताल में मरीजों के लिए व्यवस्थाओं के नाम पर कुछ भी नहीं है।
जांच होगी, कार्रवाई करेंगे
इस संबंध में प्रभारी सीएमएचओ डॉ. संजय मिश्रा ने उचित कार्रवाई का आश्वासन देते हुए कहा है कि एक कमेटी गठित कर अस्पताल में व्यवस्थाओं की जांच कराई जाएगी, कमी पाए जाने पर लाइसेंस भी निरस्त किया जाएगा। इस मौके पर फेडरेशन के रिषभ यादव, मज्जू अंसारी, वरुण सोनकर, नियाज अहमद, हसीब खान, जुबैर, शाकिब हुसैन, जुनैद राईन, गज्जू पठान, गोलू चौधरी आदि के साथ अन्य मौजूद रहे।
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