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    मप्र को जन-कल्याण, सुशासन और विकास में बढ़ाएं आगे, हर जिले की हो ओवर ऑल रैंकिंग : शिवराज

  • January 21, 2022

    मुख्यमंत्री ने कलेक्टर्स-कमिश्नर्स कॉन्फ्रेंस में की विभागीय समीक्षा

    भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि प्रत्येक जिले की ओवर ऑल रैकिंग हो। प्रतिस्पर्धा बेहतर परिणाम देने के लिए प्रेरित करती है। विकास के कार्य हर जिला चिन्हित करे। कार्य गुणवत्तापूर्ण एवं समय-सीमा में पूरे हों। कार्य ऐसे हों जो जन-कल्याण के साथ इतिहास रचें। हर जिले की पहचान बने, जैसे इंदौर की स्वच्छता में बनी है। मध्यप्रदेश को जन-कल्याण (public welfare), सुशासन और विकास (good governance and development) में आगे बढ़ाएं।


    मुख्यमंत्री चौहान गुरुवार को मंत्रालय में कलेक्टर्स-कमिश्नर्स कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कलेक्टर रोजगार के लिए इनोवेटिव प्रयास करें। योजनाओं में शत-प्रतिशत टारगेट पूरा करें। योजनाओं में प्रदेश का परफार्मस अच्छा है। प्रचार-प्रसार का कार्य भी बेहतर हो। किये गये कार्यों की जानकारी जनता तक पहुँचाना हमारा कर्तव्य है।

    उन्होंने कहा कि कलेक्टर अपने-अपने जिले में रणनीति बनाकर कार्य करें। आयुष्मान भारत योजना का अस्पतालों और एयरपोर्ट पर भी बेहतर प्रचार-प्रसार हो। सरकार की विश्वसनीयता और स्वच्छ छवि बनाने के लिए कार्य करें। योजनाओं का क्रियान्वयन ढंग से हो। संवेदनशीलता से कार्य हो। तकलीफ और संकट में लोगों की सहायता करना हमारा धर्म है। पारदर्शी और प्रामाणिकता के साथ कार्य करें। दोषियों पर कार्यवाही हो। बेहतर से बेहतर करने की कोशिश करें।

    चुनौती के रूप में करें कोरोना नियंत्रण की व्यवस्थाएँ
    मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा में कहा कि प्रदेश में कोरोना के केस बढ़ रहे हैं। इसके नियंत्रण एवं उपचार के लिए चुनौती के रूप में सभी व्यवस्थाएँ बनाई जाना सुनिश्चित करें। शिशु स्वास्थ्य सेवाओं में शहडोल, रतलाम, पन्ना, डिंडोरी, अनुपपुर जिलों की रैकिंग अच्छी नहीं है। मेहनत कर अच्छी रैकिंग हासिल करें। प्रदेश में जिन जिलों में कोरोना वैक्सीनेशन कम है वे लगातार मेहनत कर स्थिति संतोषजनक बनाएं। दतिया कलेक्टर को वैक्सीनेशन में बेहतर कार्य के लिए बधाई दी गई। बालाघाट, भोपाल, जबलपुर, धार और सागर कलेक्टर को भी वैक्सीनेशन में अच्छे कार्य के लिए बधाई दी गई।

    देवास, उज्जैन, बड़वानी और सागर कलेक्टर्स को निर्देशित किया गया कि वैक्सीनेशन से छूटे हुए व्यक्तियों तेजी से वैक्सीनेशन करें। उन्होंने कहा कि सभी कलेक्टर्स अभियान चलाकर वैक्सीनेशन का लक्ष्य पूरा करें। जन-प्रतिनिधियों सहित विभिन्न संस्थाओं और संगठनों को जोड़कर कार्य करें। प्रदेश वैक्सीनेशन में अव्वल रहे। यह जिंदगी की सुरक्षा का कार्य है।

    मुख्यमंत्री ने बड़वानी कलेक्टर को एचडीयू/आईसीयू बिस्तरों की समुचित व्यवस्था नहीं कर पाने पर अप्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कॉन्ट्रेक्टर को ब्लेक लिस्ट करने के निर्देश दिए। डिंडोरी, सतना, शाजापुर कलेक्टर के प्रति भी अप्रसन्नता व्यक्त की। बड़वानी, छतरपुर, श्योपुर में 10 बैडस के पीआईसीयू शुरु कराने के निर्देश दिए। उन्होंने आयुष्मान आपके द्वार 3.0 की समीक्षा कर कार्ड बनाने के निर्देश दिए। नीमच, राजगढ़, रीवा, विदिशा, बुरहानपुर में कार्ड बनाने की प्रगति बढ़ाने के निर्देश दिए।

    “आओ एक आँगनबाड़ी गोद ले” को बनाएँ जन-आंदोलन
    मुख्यमंत्री चौहान ने महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा में कहा कि आओ एक आँगनबाड़ी गोद लें कार्यक्रम में अपेक्षित परिणाम लाएँ जाएँ। विधायक, सांसद और कलेक्टर एक आँगनबाड़ी गोद लें। अन्य विभागों के शासकीय सेवक भी आँगनबाड़ी गोद लें। आँगनबाड़ी को ठीक करने के लिए महीने में कम से कम एक बार जरूर देखें। आंगनबाड़ियों में शासकीय संसाधनों का उपयोग हो। जन-आंदोलन का रूप दें। अभी 55 हजार लोगों ने आँगनबाड़ी गोद ली हैं। व्यक्ति के साथ संस्थाओं को भी जोड़ें।

    उन्होंने कहा कि प्रदेश में 97 हजार 135 आँगनबाड़ी हैं जिन्हें गोद लेने के लिए लोगों को लिए प्रेरित करें। आँगनबाड़ी गोद लेने वाले लोगों को जोड़कर वर्चुअल कार्यक्रम करें। ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता नहीं हैं, उनके लिए जन-सहभागिता से निजी स्पॉन्सर शिप शुरू करायें। अभी 8 हजार बच्चे चिन्हित हैं, जिनकी स्थिति सुधारनी है। स्ट्रीट चिल्ड्रन को भी मदद करें। कलेक्टर गंभीरता से कार्य करें कि बच्चे स्ट्रीट पर न रहें। हम बच्चों को सड़क पर नहीं रहने देंगे यह हमारा संकल्प है। उन्होंने कहा कि कोई बच्चा बेसहारा नहीं रहे। मानवीय दृष्टिकोण से लोगों को इसके लिये जोड़े।

    निराश्रित निधि से सहायता योजना बनाएँ
    मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे लोग जो बीमार हैं, सड़क पर हैं उनके लिए निराश्रित निधि से सहायता की योजना बने। सड़कों पर कोई भी नहीं रहे, रैन बसेरा की व्यवस्था हो। पोषण एप में 31 जनवरी तक स्वस्थ बालक-बालिका स्पर्धा के लिए 6 वर्ष तक के बच्चों का पंजीयन करते रहें।

    विमुक्त-घुमक्कड़-अर्धघुमक्कड़ जातियों के आसानी से बनें जाति प्रमाण-पत्र
    उन्होंने कहा कि विमुक्त, घुमक्कड़-अर्धघुमक्कड़ जातियों के जाति प्रमाण-पत्र बनाने की कार्यवाही करें। युद्ध स्तर पर इनके पहचान-पत्र बनायें। इन जातियों को राशन कार्ड जारी किए जायें। इनके कौशल का विकास कर बेहतर रोजगार दिलाने की कोशिश हो। आईटीआई में भी प्रशिक्षण दिलायें। रोजगार दिवस पर इनको भी स्व-रोजगार से जोड़ें।

    सामाजिक न्याय और सामाजिक समरसता कमी न रहे
    मुख्यमंत्री ने कहा कि सामाजिक न्याय, सामाजिक समरसता के लिए कोई कमी नहीं छोड़ें। आगामी 16 फरवरी को संत रविदास जयंती माने के लिए सभी पंचायतों में कोविड गाइड लाइन का पालन कर कार्यक्रम हों। जन-कल्याण के लिए प्रदेश में सामान्य वर्ग आयोग के दौरे भी होंगे।

    पशुपालन विकास की समीक्षा में कहा कि नेशनवाइड एनिमल हस्बेंड्री डेयरी एवं फिशरीज केसीसी कैम्पेन जारी रहे। केसीसी वितरित करते समय बैंकों को जोड़ा जाये और हितग्राहियों को स्व-रोजगार के लिए लोन दिलायें। प्रदेश में 2 लाख केसीसी बनाने के लक्ष्य को गंभीरता से पूरा करें। 15 फरवरी तक पशुपालकों और मछुआरों के क्रेडिड कार्ड बनाकर वितरण कार्यक्रम आयोजित करें। तालाबों के पट्टों पर दबंगों के कब्जे की शिकायतें नहीं आयें। यदि उनमें कोई दबंग शामिल है तो बाहर करें।

    मुख्यमंत्री ने राजस्व विभाग की समीक्षा के दौरान कहा कि मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना में पात्र गरीबों को पट्टे देने का कार्य करें। उन्होंने कहा कि योजना के प्रावधानों के तहत प्राथमिकता से कार्य हो। धारणाधिकार योजना में प्राप्त प्रकरणों का निराकरण करें।

    25 फरवरी को रोजगार दिवस
    मुख्यमंत्री ने कहा कि 12 जनवरी को प्रदेश ने स्व-रोजगार की बड़ी उपलब्धि हासिल की है। मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना सही ढंग से प्रारंभ हो। आगामी 25 फरवरी को रोजगार दिवस आयोजन की तैयारी की जाए। उन्होंने “राशन आपके ग्राम” योजना की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने ठीक ढंग से राशन वितरण के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि “अंकुर कार्यक्रम” सरकारी कार्यक्रम नहीं पर्यावरण बचाने का अभियान है। इसमें जन-भागीदारी से पौधे लगाने का कार्य करें। लोगों को प्रेरित करने के प्रयास करें। इसे जन-आंदोलन के रूप में चलाए।

    बिजली बचाना स्वभाव का अंग बने
    मुख्यमंत्री ने ऊर्जा साक्षरता अभियान को जन-आंदोलन बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि लोगों के स्वभाव में आ जाए फालतू बिजली न जलायें। “मैं खुद जरुरत नहीं होने पर बिजली स्वीच बंद करता हूँ।” जिम्मेदार नागरिक बनें। बिजली बचाना, बिजली बनाने के बराबर है और यह गुड गवर्नेस का अंग है। (एजेंसी, हि.स.)

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