नई दिल्ली। घर की रसोई से राहु-केतु इन दोनों ग्रहों का बहुत गहरा संबंध होता है. वास्तु के अनुसार, ये ग्रह घर में मौजूद सकारात्मक ऊर्जा को नकारात्मक ऊर्जा (negative energy) में बदल देते हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि वास्तु शास्त्र के मुताबिक घर पर मौजूद सकारात्मक ऊर्जा (positive energy) को नकारात्मक में परिवर्तित करने में इन्हीं दो ग्रहों की मुख्य भूमिका होती है. किचन (Kitchen) में कढ़ाई और तवा का इस्तेमाल सबसे ज्यादा होता है. और वास्तु के अनुसार तवा और कढ़ाई राहु का प्रतिनिधित्व करते हैं इसलिए इन बर्तनों को लेकर विशेष सावधानी (caution) बरतने की जरूरत होती है.जो लोग इन बातों का ध्यान नहीं रखते वहां राहु-केतु का वास हो जाता है. पर आप कुछ उपायों को अपनाकर राहु-केतु के अशुभ प्रभावों से बच सकते हैं .
तवा और कढ़ाई को कभी भी उल्टा नहीं रखें.
उल्टा तवा और कढ़ाई रखने से घर पर राहु के नकारात्मक ऊर्जा का संचार होने लगता है.
तवा और कढ़ाई को हमेशा दाईं ओर रखें, क्योंकि दाईं ओर मां अन्नपूर्णा का वास होता है.
तवा का जब उपयोग ना हो तो उसे किचन की अलमारी में रख दें.
खाना बनने के बाद तवा को ऐसे ना रखें बल्कि हमेशा धोकर ही रखें.
तवा और कढ़ाई (Tawa and embroidery) का इस्तेमाल करने के बाद कभी गैस पर रखा न छोड़ें, इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा आती है काम होने के बाद तवा और कढ़ाई को गैस से उतार कर रख दें. नहीं तो जीवन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
कभी भी गर्म तवा और कढ़ाई में पानी ना डालें.ऐसा करने से जीवन में कई तरह की मुसीबतें आने लगती है.
खाने के दौरान तवा-कढ़ाही का इस्तेमाल करते समय इसमें थोड़ा नमक छिड़क दें. ऐसा करने से परिवार के वास्तुदोष दूर होते हैं.
पहली रोटी,पराठा और पूड़ी जो भी बनाएं, वो गाय के लिए निकाल दें. ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि बनी रहती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। हम इसकी पुष्टि नहीं करते है। कोई भी सवाल हो तो अपने विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। )
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