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    NIA गैंगस्टरों के खिलाफ आतंकवादियों जैसा रुख अपनाएं, सरकार का निर्देश

  • August 03, 2022

    नई दिल्ली: केंद्रीय जांच एजेंसियों को लगातार मजबूत किया जा रहा है। ईडी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला देते हुए उसकी शक्तियों को जायज ठहराया। इसके साथ ही हर सरकार में ये एजेंसियां विवादों में भी रहती हैं। विपक्ष हमेशा इनका दुरुपयोग का आरोप सत्तापक्ष पर मढ़ता है। अब केंद्र सरकार एनआईए को भी और ताकतवर बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक सरकार चाहती है कि एनआईए गैंगस्टरों के खिलाफ आतंकवादियों जैसा रुख अपनाएं।

    गैंगस्टरों के खिलाफ सख्त केंद्र सरकार
    केंद्र चाहता है कि एनआईए पूरे भारत में जांच करे और जहां आवश्यक हो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी जाए। सीएनएन-न्यूज 18 में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र चाहता है कि एजेंसी को भारत में गैंगस्टरों की आतंकी गतिविधियों, नशीली दवाओं की तस्करी और हथियारों की आपूर्ति को कवर करने के लिए कहा गया है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि इन गैंगस्टरों के आतंकी संगठनों से कनेक्शन होने के कारण केंद्र सरकार चाहती है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) गैंगस्टरों के खिलाफ कार्रवाई करे और उनके साथ आतंकवादियों जैसा व्यवहार करे।

    दिल्ली पुलिस खूफिया विभाग के साथ मिलकर काम करें- सरकार
    सूत्र ने कहा कि एजेंसी को भारत में अपनी आतंकी गतिविधियों, नशीली दवाओं की तस्करी और हथियारों की आपूर्ति को कवर करने के लिए कहा गया है। सूत्र ने कहा कि गैंगस्टर पाकिस्तान स्थित आतंकी समूहों और कनाडा स्थित खालिस्तानी समूहों के संपर्क में हैं, जिन्हें सरकार देश के लिए एक गंभीर खतरा मानती है। सरकार चाहती है कि एनआईए और दिल्ली पुलिस खुफिया ब्रांच मिलकर कार्रवाई करें।

    2008 में बनाया गया था कानून
    साल 2008 के मूल अधिनियम में संशोधन करते हुए संसद में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (संशोधन) अधिनियम, 2019 पारित किया गया था। इस विधेयक में NIA को निम्नलिखित अतिरिक्त आपराधिक मामलों की भी जांच करने की अनुमति देने का प्रावधान था। जाली मुद्रा या बैंक नोटों से संबंधित अपराध, प्रतिबंधित हथियारों का निर्माण या बिक्री, साइबर आतंकवाद, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम (Explosive Substances Act), 1908 के तहत अपराध।


    NIA का क्षेत्राधिकार
    NIA के अधिकारियों को पूरे देश में ऐसे अपराधों की जांच करने के संबंध में अन्य पुलिस अधिकारियों के समान ही शक्तियां प्राप्त हैं। NIA को भारत के बाहर घटित ऐसे सूचीबद्ध अपराधों की जांच करने का अधिकार होगा, जो अंतर्राष्ट्रीय संधियों और अन्य देशों के घरेलू कानूनों के अधीन हैं। केंद्र सरकार NIA को ऐसे मामलों की जांच के निर्देश दे सकती है जो भारत में ही अंजाम दिये गए हों। ऐसे मामलों पर नई दिल्ली स्थित विशेष न्यायालय का न्यायाधिकार होगा। यह संशोधन केंद्र सरकार को एनआई परीक्षणों के लिये सत्र अदालतों को विशेष अदालतों के रूप में नामित करने में सक्षम बनाता है। गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) संशोधन अधिनियम (UAPA), 2019 किसी राज्य के पुलिस महानिदेशक की पूर्व अनुमति के बिना एक NIA अधिकारी को छापा मारने और उन लोगों की संपत्तियों को ज़ब्त करने की अनुमति देता है जिनके आतंकवादी गतिविधियों से जुड़े होने की आशंका है। जांच अधिकारी को केवल NIA के महानिदेशक से मंज़ूरी की आवश्यकता होती है।

    NIA क्या है और कब हुआ इसका गठन?
    एनआईए का पूरा नाम National Investigation Agency है, जिसे राष्ट्रीय जांच एजेंसी के नाम से भी जाना जाता है। एनआईए का गठन 31 दिसंबर 2008 को भारत की संसद द्वारा पारित अधिनियम राष्ट्रीय जांच एजेंसी विधेयक 2008 के अंतर्गत किया गया। इस संस्था के पहले महानिदेशक राधा विनोद राजू थे जिनका कार्यकाल 31 जनवरी 2010 को समाप्त हुआ था। एनआईए का काम देश में आतंकवादी गतिविधियों को रोकना और भारत में आतंकवाद को समाप्त करना है।

    एनआईए के पास हैं कई विशेष अधिकार
    भारत सरकार से इस संस्था को कई विशेष अधिकार मिले हुए हैं। इसमें, आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त पाए जाने वाले लोगों पर ठोस कार्यवाही करके उनकी सम्पति तक सीज करना और उस व्यक्ति या संगठन को आतंकवादी घोषित करना है। इस संस्था के अंदर राज्य सरकार को हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है। इस राष्ट्रीय जांच एजेंसी का मुख्यालय नई दिल्ली में है और हैदराबाद, गुवाहाटी, कोच्चि, लखनऊ, मुंबई, कोलकाता, जयपुर, जम्मू में इसकी क्षेत्रीय शाखाएं हैं।


    एनआईए विवादों में क्यों
    साल 2020 में छत्तीसगढ़ सरकार ने इसे असंवैधानिक करार देने के लिए अदालत का रुख किया था। मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में बने एनआईए (नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी) एक्ट 2008 को असंवैधानिक घोषित करने की मांग कांग्रेस नेतृत्व वाली छत्तीसगढ़ सरकार ने की है। सुप्रीम कोर्ट में याचिका डालकर राज्य सरकार ने कहा- यह कानून राज्य पुलिस से जांच के अधिकार को छीनता है। इससे पहले केरल सरकार भी ऐसा कर चुकी है। अगर किसी राज्य की पुलिस दूसरे राज्य में किसी अपराधी की धड़ पकड़ को जाती है तो उसको पहले राज्य की पुलिस की सूचित करना होता है। इसके बाद ही वो किसी अपराधी को अन्य राज्य की पुलिस के हवाले करते हैं। मगर एनआईए के साथ ऐसा नहीं है। एनआईए सीधे जाकर बिना किसी परमिशन के छापेमारी कर सकती है। उसे राज्य की पुलिस को सूचित नहीं करना होता। हालांकि अगर एनआईए चाहे और उसे फोर्स या पुलिस की मदद लेनी हो तो वो इसके लिए स्वतंत्र है।

    गृहमंत्री के साथ बैठक
    केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्वतंत्रता दिवस से पहले मंगलवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और दिल्ली पुलिस के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, एनआईए निदेशक दिनकर गुप्ता, दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा और अन्य शीर्ष अधिकारी शामिल हुए। अधिकारियों ने बताया कि बैठक में सुरक्षा एजेंसियों के बीच समन्वय से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की गई।स्वतंत्रता दिवस से पहले राष्ट्रीय राजधानी में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए जा रहे हैं।स्वतंत्रता दिवस का मुख्य कार्यक्रम लाल किले में होगा, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तिरंगा फहराएंगे और देश को संबोधित करेंगे।

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