ताइपे (Taipei)। बीते कुछ दिनों में चीन (China) और ताइवान (Taiwan) के बीच संबंध लगातार खराब हुए हैं। सीमा पर दोनों के बीच तनाव (border tension) बना हुआ है। इस बीच कुछ ऐसा हुआ है, जिसने लोगों को हैरान कर दिया है। खबरों के मुताबिक ताइवान ने अपने सबसे अहम हथियार (most important weapon) का एक मुख्य हिस्सा चीन मरम्मत करने के लिए भेजा है। बता दें कि बीते दिनों अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी (US House of Representatives Speaker Nancy Pelosi) के ताइवान दौरे के बाद दोनों देशों के संबंध तल्ख हुए हैं। इसके बाद चीन ने अमेरिका को अंजाम भुगतने की चेतावनी तक दे डाली थी। बता दें कि चीन ने पिछले साल ताइवान के एयर डिफेंस जोन के करीब बड़े पैमाने पर तैनाती की है। चीन ताइवान पर लगातार दावे करता रहा है।
एंटी शिप मिसाइल का हिस्सा
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की खबर में यह जानकारी दी गई है। इसके मुताबिक ताइवान ने अपनी एंटी-शिप मिसाइल (anti-ship missile) का अहम हिस्सा चीन में रिपेयरिंग के लिए भेजा है। यह एंटी मिसाइल सिउंग-फेंग III है। जो हिस्सा मरम्मत के लिए भेजा गया है, वह एक थियोडोलाइट है जो एक सटीक ऑप्टिकल इक्विवमेंट है। इसे चीन के शेडोंग प्रांत में भेजा गया था। नेशनल चुंग-शान इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (NCSIST) के मुताबिक थियोडोलाइट 2021 में स्विस कंपनी लीका से खरीदा गया था। इसको हाल ही में रिपेयरिंग के लिए बनाने वाली कंपनी के पास भेजा गया था।
कायदे से की गई सुरक्षा जांच
रिपोर्ट के मुताबिक मिसाइल के उपकरण को वापस भेजने से पहले उसमें मौजूद मेमोरी स्टोरेज कार्ड हटा दिया गया था। जिस कंपनी लीका से यह मिसाइल खरीदी गई थी, उसका मेंटेनेंस सेंटर चीन के शैंडांग प्रांत में है। इसलिए इसके हिस्से को मरम्मत के लिए वहां भेजा गया था। एनसीएसआईएसटी ने बताया कि जब मरम्मत के लिए चीन भेजे जाने की बात सामने आई तो सुरक्षा जांच ढंग से की गई।
डिफेंस सिक्योरिटी की तरफ से वॉर्निंग
सिक्योरिटी चेक के दौरान इस बात की जांच की गई कि इसमें किसी तरह का मॉलवेयर तो इंस्टॉल नहीं किया गया है। इस बीच घटना सामने आने के बाद ताइवान के डिफेंस सिक्योरिटी की तरफ से भी चेतावनी जारी की गई है। साथ ही वॉर्निंग भी दी गई है कि इस तरह के मिसाइल कॉम्पोनेंट्स को लेकर इस तरह की गैरजिम्मेदारी न बरती जाए।
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