नई दिल्ली: भारत (India) को ताइवान (taiwan) अब तक का सबसे बड़ा दिवाली गिफ्ट दे रहा है. इस गिफ्ट से चीन को जबरदस्त मिर्ची (China) लग सकती है. दरअसल ताइवान भारत के एक लाख से ज्यादा लोगों को नौकरी (Job) देने जा रहा है. अगर ये डील होती है तो ताइवान और भारत (Taiwan and India) के आर्थिक रिश्ते और भी ज्यादा मजबूत हो सकते हैं. वहीं दूसरी ओर ताइवान के पड़ोसी देश चीन को मिर्ची लग सकती है. अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि ताइवान के कारखानों, खेतों और अस्पतालों में काम करने के लिए 100,000 से अधिक भारतीयों को काम पर रख सकता है. लोगों ने कहा कि दोनों पक्षों द्वारा दिसंबर की शुरुआत में जॉब डील पर साइन हो सकते हैं.
ताइवान के लोग लगातार बूढ़े हो रहे हैं. उल्हें ज्यादा से ज्यादा लोगों की जरुरत है. वहीं दूसरी ओर भारत की इकोनॉमी भले ही दुनिया के बाकी देशों के मुकाबले तेज हो, लेकिन इतनी भी नहीं कि लेबर मार्केट में हर साल लाखों जॉब जेनरेट कर सके. अनुमान है कि ताइवान 2025 तक “सुपर एज्ड” समाज बन जाएगा, जहां आबादी के पांचवें हिस्से से अधिक बुजुर्ग लोगों की आबादी होने का अनुमान है. भारत ताइवान जॉब डील से चीन के साथ जियो पॉलिटिकल टेंशन बढ़ने की संभावना है. चीन नहीं चाहता कि कोई भी देश ताइवान के साथ आधिकारिक तौर पर कोई आर्थिक समझौता करे. ताइवान पर चीन अपना हक समझता रहा है.
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को कहा कि भारत-ताइवान जॉब डील अब फाइलन स्टेज पर है. ब्लूमबर्ग न्यूज द्वारा संपर्क किए जाने पर ताइवान के श्रम मंत्रालय ने भारत डील पर विशेष रूप से कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन कहा कि वह उन देशों के साथ सहयोग का स्वागत करता है जो उसे श्रमिक प्रदान कर सकते हैं. जानकारों के अनुसार ताइवान जाने के इच्छुक भारतीय श्रमिकों की हेल्थ को सर्टिफाई करने के लिए एक मैकेनिज्म पर अभी भी काम किया जा रहा है.
ताइवान में, जहां बेरोजगारी दर 2000 के बाद से सबसे निचले स्तर पर गिर गई है, सरकार को 790 अरब डॉलर की इकोनॉमी को चालू रखने के लिए श्रमिकों की आवश्यकता है. लोगों ने कहा कि डील को बेहतर बनाने के लिए ताइवान भारतीय कामगारों को स्थानीय लोगों के बराबर वेतन और इंश्योरेंस पॉलिसीज ऑफर कर रहा है. भारत सरकार बूढ़े वर्कफोर्स का सामना कर रहे विकसित देशों के साथ जॉब डील पर जोर दे रही है. इस साल भारत चीन को पछाड़कर दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन गया है. जानकारों के अनुसार अब तक, भारत सरकार ने जापान, फ्रांस और यूके सहित 13 देशों के साथ डील पर साइन किए हैं. वहीं नीदरलैंड, ग्रीस, डेनमार्क और स्विट्जरलैंड के साथ इसी तरह की व्यवस्था पर चर्चा कर रही है.
2020 में सीमा पर झड़प के बाद से भारत और चीन के बीच संबंध तनावपूर्ण हैं. बीते 40 सालों में दोनों के बीच इस तरह की स्थिति कभी देखने को नहीं मिली है. तब से दोनों देशों ने हजारों सैनिकों, हथियारों और टैंकों को हिमालय क्षेत्र में ट्रांसफर कर दिया है. वहीं दूसरी ओर ताइवान की कंपनियां भारत में लगातार निवेश कर रही हैं. सेमिकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग में ताइवान दुनिया का सबसे बड़ा देश है. अब ताइवान उसी तरह का इकोसिस्टम भारत में तैयार करने में मदद भी कर रहा है.
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