नई दिल्ली । उत्तर-पूर्वी दिल्ली(North East Delhi) में फरवरी 2020 में भड़की साम्प्रदायिक हिंसा (Communal Violence)से जुड़े कई मामलों में आरोपी AIMIM कैंडिडेट ताहिर हुसैन (AIMIM Candidate Tahir Hussain)जेल से ही अपना नामांकन पत्र दाखिल कर सकते हैं। दिल्ली पुलिस ने उक्त बातें उच्च न्यायालय में सोमवार को कही। इस पर जस्टिस नीना बंसल कृष्णा की पीठ ने मौखिक रूप से कहा कि हुसैन जेल में बैठकर नामांकन पत्र दाखिल कर सकते हैं।
हिंसा से संबंधित हत्या के मामले में ताहिर हुसैन की अंतरिम जमानत की मांग वाली याचिका पर दिल्ली पुलिस की तरफ से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने दलीलें रखीं। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने कहा कि ऐसे कई उदाहरण हैं जब कैदियों ने जेल से ही चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया पूरी की है।
विधि अधिकारी ने कहा कि सबसे ताजा उदाहरण अमृतपाल सिंह का है। न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा की पीठ ने मौखिक रूप से यह भी कहा कि हुसैन जेल में बैठकर नामांकन पत्र दाखिल कर सकते हैं।
वहीं आरोपी ताहिर हुसैन की तरफ से पेश वकील ने जवाब दिया कि उन्हें एक राष्ट्रीय पार्टी ने चुना है। नामांकन पत्र दाखिल करने के अलावा उन्हें चुनाव प्रचार भी करना है। अपनी संपत्ति की घोषणा भी करनी है। वकील ने पिछले कुछ मामलों का हवाला देते हुए कहा कि पिछले साल लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए राशिद इंजीनियर को निचली अदालत ने अंतरिम जमानत दी थी।
ताहिर हुसैन की तरफ से पेश वकील की ओर से इस बात पर भी जोर दिया गया कि हुसैन मार्च 2020 से हिरासत में हैं। यही नहीं वह संबंधित अदालतों से दंगों के दो अन्य मामलों में अंतरिम जमानत की राहत मांगने की प्रक्रिया में है। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए मंगलवार की तारीख दी।
मालूम हो कि ताहिर हुसैन ने पिछले हफ्ते अदालत से मुस्तफाबाद निर्वाचन क्षेत्र से एआईएमआईएम के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए 14 जनवरी से 9 फरवरी तक अंतरिम जमानत मांगी थी। ताहिर हुसैन ने नामांकन पत्र दाखिल करने, बैंक खाता खोलने और प्रचार का हवाला देते हुए यह राहत मांगी थी।
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