नई दिल्ली । मुंबई हमले(mumbai attacks) के साजिशकर्ताओं (The conspirators)में शामिल तहव्वुर हुसैन राणा(Tahavvur Hussain Rana) से एनआईए(NIA) हर राज उगलवाने(to spill the beans) की कोशिश में जुटी है। सूत्रों की मानें तो एनआईए इसके लिए जल्द कुछ गवाहों से उसका सामना करा सकती है। एनआईए मुख्यायलय में पहले दिन की ना नुकर के बाद शनिवार को पूछताछ में तहव्वुर राणा से उसकी कुछ व्यक्तिगत जानकारियां मिली हैं। इसके अलावा साजिश के कुछ अन्य अहम किरदारों पर जब कुछ सबूत तहव्वुर को दिखाए गए तो वह एनआईए अधिकारियों के सामने उलझ गया।
अन्य किरदारों पर उसकी हां से एनआईए अधिक से अधिक जानकारी मिलने की उम्मीद बढ़ गई है। एनआईए के सूत्रों ने बताया कि जल्द ही राणा का सामना एक महत्वपूर्ण गवाह से करवाया जा सकता है। कई अन्य सबूत और दस्तावेज दिखाकर तहव्वुर से राज उगलाए जाएंगे। सूत्रों की मानें तो राष्ट्रीय जांच एजेंसी जिस गवाह से तहव्वुर का आमना सामना कराना चाहती है उसका कोड नाम ‘बी’ रखा है और इससे जुड़ी जानकारी भी गुप्त रखी गई है। ‘बी’ वही शख्स है जिसने 2006 में मुंबई में डेविड कोलमैन हेडली का स्वागत किया था और उसके ठहरने के अलावा और जरूरी इंतजाम किए थे।
हेडली को बी ने किया था रिसीव
सूत्रों के मुताबिक सितंबर 2006 में जब हेडली भारत आया तो उसे रिसीव करने वाला शख्स ‘बी’ ही था, जिसे राणा ने फोन करके हेडली के लिए सभी जरूरी इंतजाम करने को कहा था। एनआईए की टीम इन 18 दिनों की पूछताछ के दौरान गवाह ‘बी’ से राणा का आमना-सामना करवा सकती है। शुरुआती पूछताछ में जांच एजेंसी को पता चला है कि तहव्वुर राणा पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के चिचबुतनी गांव का रहने वाला है।
मिस्ट्री गर्ल पर भी नजर
जांच एजेंसियों की नजर उस मिस्ट्री गर्ल पर भी है, जो साए की तरह राणा के साथ भारत में दिखी थी। यूपी के आगरा और हापुड़ में तहव्वुर को जिस मिस्ट्री गर्ल के साथ देखा गया, उसके बारे में एनआईए जानकारी जुटा रही। राणा से हापुड़, आगरा और दिल्ली वाले एक लोकेशन के बारे में भी पूछताछ की गई है लेकिन उसके जवाब संतोषजनक नहीं हैं। राणा जब इन शहरों में गया था तब उसने मिस्ट्री गर्ल को अपनी पत्नी बताया था।
राणा को सेना की वर्दी से लगाव
तहव्वुर ने पूछताछ में बताया है कि उसे आर्मी वाली ड्रेस से खास लगाव था। तहव्वुर ने एनआईए को बताया है कि उसका एक भाई पत्रकार है। अक्सर आतंकी गतिविधियों से जुड़े मामलों की बैठक में शामिल होने के दौरान तहव्वुर आर्मी ड्रेस पहनता था। आतंकी राणा को पाकिस्तानी फौज की वर्दी का इतना शौक था कि सेना छोड़ने के बाद भी वो अक्सर वर्दी या फौजी कपड़े पहनकर साजिद मीर और मेजर इकबाल जैसे लोगों से मिलने जाता था।
लश्कर नेताओं से मिला था हेडली
एनआईए सूत्रों के मुताबिक गवाह ‘बी’ राणा का बेहद करीबी है और उसके पास भी अहम जानकारी है। जब 2006 के आसपास मुंबई हमलों की साजिश रची जा रही थी, तब हेडली पाकिस्तान गया था और वहां लश्कर के नेताओं से मिला था।
आखिर तक बचाने की कोशिश
तहव्वुर राणा को बचाने के लिए उसके वकील जॉन डी क्लाइन ने आखिरी समय तक कोशिश की थी। जानकारी के अनुसार क्लाइन ने अमेरिका के विदेश विभाग के सचिव मार्को रुबियो को पत्र लिखकर राणा के स्वास्थ्य और भारत में राणा को प्रताड़ित करने का हवाला दिया था। इसी आधार पर उसने प्रत्यर्पण पर रोक की मांग की थी।
दुबई कनेक्शन भी
सूत्रों की मानें तो राणा से पूछताछ के दौरान उसके दुबई कनेक्शन के बारे में भी एनआईए अधिकारियों ने सवाल-जवाब किया। सूत्रों की मानें तो राणा दुबई में इस व्यक्ति से मिला था जिसे मुंबई हमले के बारे में जानकारी थी।
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