नई दिल्ली । मुंबई हमले(mumbai attacks) के एक और मास्टरमाइंड (Mastermind)तहव्वुर हुसैन राणा(Tahavvur Hussain Rana) को भारत(India) लाया जा रहा है। यहां उसके खिलाफ 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले में उसकी भूमिका के लिए कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए गृह मंत्रालय ने वकील की भी नियुक्ति कर दी है। राणा के अलावा अभी कई आतंकवादी और हैं जो भारत की गिरफ्त से दूर हैं। भारत सरकार उनके प्रत्यर्पण की कोशिश कर रही है। ऐसे आतंकवादी राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए द्वारा चार्जशीटेड हैं। उनमें से अधिकांश अब भी पाकिस्तान में सेना या आईएसआई के संरक्षण में खुलेआम घूम रहे हैं।
1. हाफिज सईद – लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक और मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को 2020 में 78 साल की सजा सुनाई गई थी। बावजूद इसके वह पाकिस्तान में खुलेआम दिखाई देता है और आईएसआई व पाकिस्तानी सेना की सुरक्षा में जनसभाएं करता है। भारत लंबे समय से उसकी हिरासत और सख्त कार्रवाई की मांग करता आ रहा है।
2. जकी-उर-रहमान लखवी- लश्कर-ए-तैयबा का एक और प्रमुख चेहरा जकी-उर-रहमान लखवी को 2021 में 15 साल की सजा सुनाई गई थी, लेकिन खुफिया रिपोर्टों के अनुसार वह अब भी पाकिस्तान में खुलेआम घूम रहा है और संगठन की गतिविधियों का संचालन करता है।
3. सज्जाद मीर- लश्कर ए तैयबा का एक और कमांडर सज्जाद मीर ने 2005 में भारत आकर दिल्ली में भारत-पाकिस्तान मैच के दौरान नेशनल डिफेंस कॉलेज की रेकी की थी। पाकिस्तान में उसकी मौजूदगी आज भी रहस्य बनी हुई है। 2023 में उसके कथित तौर पर कोट लखपत जेल में ‘जहर दिए जाने’ की खबरें सामने आई थीं, लेकिन विशेषज्ञ इसे एक रणनीतिक छल मानते हैं जिससे पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय दबाव से बच सके।
4. मेजर इकबाल- 26/11 हमले की योजना में शामिल एक और आरोपी मेजर इकबाल आज भी कानून की पकड़ से बाहर है। अमेरिकी-भारतीय जांच एजेंसियों के अनुसार, उसने डेविड हेडली को मुंबई में रेकी के लिए निर्देश दिए थे और वित्तीय मदद दी थी। हेडली ने अदालत में इकबाल को ISI का अधिकारी बताया था।
5. अब्दुल रहमान हाशिम सैयद- ‘पाशा’ के नाम से कुख्यात अब्दुल रहमान हाशिम भारत के वांटेड आतंकवादियों की सूची में तीसरे स्थान पर है। वह ‘कराची प्रोजेक्ट’ का प्रमुख बताया जाता है, जिसका उद्देश्य भारत में स्थानीय युवाओं को कट्टरपंथी बनाकर बम धमाके करवाना है।
6. इलियास कश्मीरी- हिजबुल जिहाद अल-इस्लामी का प्रमुख इलियास कश्मीरी अल-कायदा से करीबी संबंध रखता था। उसे अमेरिका द्वारा उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान में एक ड्रोन हमले में मार गिराने का दावा किया गया था, लेकिन उसकी मौत की पुष्टि आज तक संदेह के घेरे में है।
इनमें से कई आतंकवादी इंटरपोल और संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों के बावजूद पाकिस्तान में संरक्षित हैं। भारत लगातार पाकिस्तान पर इनकी गिरफ्तारी और प्रत्यर्पण के लिए दबाव बनाता रहा है, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई अब तक नहीं हुई है।
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