नई दिल्ली: भारतीय सेना की ताकत को और ज्यादा बढ़ाने के लिए रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) ने 54,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के रक्षा खरीद प्रस्तावों को मंजूरी दी है. इस फैसले के तहत कई अहम रक्षा प्रणालियों की खरीद को स्वीकृति मिली है, जिसमें टी-90 टैंकों के लिए 1350 हॉर्सपावर (HP) के नए इंजन भी शामिल हैं. यह कदम भारतीय सेना के आर्मर्ड कोर यानी कि बख्तरबंद बल की ताकत को बढ़ाने और टी-90 टैंकों को और ज्यादा शक्तिशाली बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा.
टी-90 टैंक भारतीय सेना की मुख्य युद्धक टैंक (MBT) क्षमताओं का एक जरूरी हिस्सा है. इसे पहली बार 2001 में भारत में शामिल किया गया था. इसे ‘भीष्म’ नाम दिया गया. भारतीय सेना मौजूदा समय में 1,200 से ज्यादा टी-90 टैंकों का संचालन करती है, जो अलग-अलग संस्करणों में उपलब्ध हैं.
अब, 1350 HP का नया इंजन इन टैंकों को एक नया अवतार देगा. इस समय भारतीय टी-90 टैंकों में व्लादिमीर टैंक इंजन (V-92S2) का इस्तेमाल किया जाता है, जो 1000 HP की पावर उत्पन्न करता है, लेकिन नया 1350 HP इंजन, ज्यादा गति, ताकत और लड़ाई में सहनशक्ति प्रदान करेगा.
1350 HP इंजन के फायदे: टी-90 टैंक पहले से ही अपनी गति और रणनीतिक चपलता के लिए प्रसिद्ध हैं. नया इंजन इन्हें और अधिक तेज़ व सक्षम बनाएगा, जिससे युद्धक्षेत्र में तेजी से मूवमेंट किया जा सकेगा. यह इंजन रेगिस्तान, पहाड़ और ऊबड़-खाबड़ इलाकों में ज्यादा प्रभावी होगा. वर्तमान इंजन की तुलना में 1350 HP इंजन ज्यादा वजन वहन कर सकेगा. इससे भारतीय सेना को टैंकों पर और ज्यादा सुरक्षा कवच, एडवांस सेंसर और नए हथियार सिस्टम लगाने की सुविधा मिलेगी.
नया इंजन बेहतर ईंधन दक्षता के साथ आएगा, जिससे टैंक को ज्यादा दूरी तक चलाया जा सकेगा. लंबे अभियानों के दौरान कम ईंधन की खपत होगी, जिससे सप्लाई लॉजिस्टिक्स आसान होगा. भारतीय सेना को अक्सर राजस्थान के तपते रेगिस्तान और लद्दाख के बर्फीले पहाड़ों में ऑपरेशन करने पड़ते हैं. नए इंजन से इसकी कैपेसिटी और बढ़ेगी. 1350 HP का इंजन ज्यादा गर्मी और ठंड में अधिक विश्वसनीयता प्रदान करेगा.
रक्षा मंत्रालय का बड़ा कदम
रक्षा मंत्रालय द्वारा टी-90 टैंकों के इंजन अपग्रेडेशन का फैसला आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत लिया गया है. DRDO और भारतीय कंपनियां मिलकर इस इंजन का उत्पादन करेंगी. इसके अलावा, यह स्वदेशी रक्षा उत्पादन को भी बढ़ावा देगा और भविष्य में भारत को टैंक इंजन निर्माण में आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा.
भारतीय सेना के पास अभी टी-90, टी-72 और अर्जुन MBT जैसे टैंक हैं और जल्द ही इस कतार में जोरावर टैंक भी जुड़ जाएंगे. टी-90, रूस की ओर से विकसित किया गया था और इसे भारतीय परिस्थितियों के अनुकूल बनाया गया है. 1350 HP इंजन के साथ टी-90 टैंक न केवल ज्यादा प्रभावी होगा, बल्कि यह पाकिस्तान और चीन के टैंकों से मुकाबला करने में और भी सक्षम बनेगा.
भारत के प्रमुख प्रतिद्वंद्वियों के टैंकों की तुलना हालांकि चीन का टाइप-99A अधिक पावरफुल है, लेकिन 1350 HP इंजन भारतीय टी-90 टैंकों को और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाएगा. टी-90 टैंकों का यह इंजन अपग्रेड भारतीय सेना के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है. नए 1350 HP इंजन के साथ, भारतीय टैंक तेजी से मूव कर सकेंगे, ज्यादा मजबूत बनेंगे और कठिन इलाकों में बेहतर प्रदर्शन करेंगे.
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