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सीरिया में राष्ट्रीय संवाद सम्मेलन में देरी होने पर उठे सवाल, कमान संभालने में विफल होती दिख रही विद्रोही सरकार

January 04, 2025

नई दिल्‍ली । सीरिया (Syria) में बशर अल असद (Bashar Al Assad) को हटाने के बाद स्थापित नए नेतृत्व ने अभी तक यह तय नहीं किया है कि ऐतिहासिक राष्ट्रीय संवाद सम्मेलन (National Dialogue Conference) कब आयोजित किया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट में कई सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी गई है। ऐसा लग रहा है कि विद्रोही नेताओं को बातचीत करने में काफी संघर्ष करना पड़ रहा है।

HTS ने किया था बातचीत का वादा
हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) के नेतृत्व वाले विद्रोहियों ने सम्मेलन आयोजित करने का वादा किया था। मगर, इसके लगातार टलने से विपक्षी समूहों और अन्य पक्षों के बीच चिंता पैदा हो गई है।

अभी तक नहीं भेजे गए निमंत्रण
एक न्यूज एजेंसी से बात करने वाले सूत्रों में सीरिया के सूचना मंत्रालय के दो अधिकारी, सीरिया के नए शासक प्रशासन के एक सदस्य और दो राजनयिक शामिल हैं। सम्मेलन की जानकारी रखने वाले इन अधिकारियों का कहना है कि सम्मेलन के लिए आधिकारिक निमंत्रण अभी तक नहीं भेजे गए हैं, हालांकि कुछ व्यक्तियों से अनौपचारिक रूप से संपर्क किया गया है।


क्या है सम्मेलन का मकसद?
इस सम्मेलन का मकसद सीरिया के विभिन्न धर्मों, जातीयताओं, भौगोलिक क्षेत्रों और राजनीतिक धाराओं के प्रतिनिधियों को एकत्र करने का है ताकि असद परिवार की 50 वर्षों से अधिक पुरानी शासन व्यवस्था के बाद देश के लिए एक नया भविष्य तैयार किया जा सके। हालांकि, कुछ सीरियाई मीडिया संगठनों ने पहले जानकारी दी थी कि सम्मेलन चार-पांच जनवरी को होगा, जिसमें सीरिया के लगभग 1,200 प्रतिनिधियों को बुलाया जाएगा।

क्यों हैं राष्ट्रीय संवाद सम्मेलन अहम?
अब सवाल उठता है कि आखिर संवाद सम्मेलन इतना जरूरी क्यों हैं। बता दें, इसका उद्देश्य सीरिया के राजनीतिक बदलावों पर चर्चा करना है, जो 13 सालों तक चले गृह युद्ध के बाद हो रहे हैं। इसमें मौजूदा संसद को निलंबित करने, नया संविधान बनाने और चुनावों की तैयारी जैसे मुद्दों पर बात हो सकती है। हालांकि, अब तक इस सम्मेलन के लिए आधिकारिक निमंत्रण नहीं भेजे गए हैं, लेकिन कुछ लोगों से अनौपचारिक रूप से संपर्क किया गया है।

आठ दिसंबर के विद्रोह के बाद, हयात तहरीर अल-शाम ने सत्ता संभाली और एक मार्च तक जरूरी सेवाओं के प्रबंधन के लिए एक देखरेख सरकार बनाई। लेकिन यह समूह, जो पहले एक विद्रोही संगठन था और अब देश का प्रभावी शासक है, अपने सैन्य लक्ष्यों और शासन की जिम्मेदारियों को संतुलित करने में मुश्किलों का सामना कर रहा है।

विपक्षी सदस्य इस नए प्रशासन की समावेशी राजनीतिक प्रक्रिया के प्रति निष्ठा पर सवाल उठा रहे हैं। बासम अल-कुवातली, जो सीरियाई लिबरल पार्टी के अध्यक्ष हैं, ने कहा कि नया प्रशासन अभी भी एक सैन्य समूह है, जिसने सत्ता हासिल की है और अभी इसे साझा करने की जरूरत नहीं महसूस होती।

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