नई दिल्ली। कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र पर मुस्लिम लीग की छाप होने संबंधी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की टिप्पणी को लेकर शनिवार को पलटवार करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री अपने इतिहास से परिचित नहीं हैं, क्योंकि वह कोई और नहीं बल्कि जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी थे, जो 1940 के दशक की शुरुआत में लीग के साथ बंगाल में गठबंधन सरकार का हिस्सा थे। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने भाजपा पर ‘‘विभाजन की राजनीति’’ करने का भी आरोप लगाया। प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को सहारनपुर में एक चुनावी सभा में कहा कि कांग्रेस के घोषणापत्र में वही सोच झलकती है, जो आजादी के आंदोलन के समय मुस्लिम लीग में थी।
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि कांग्रेस के घोषणापत्र में पूरी तरह मुस्लिम लीग की छाप है और इसका जो कुछ हिस्सा बचा रह गया, उसमें वामपंथी पूरी तरह हावी हो चुके हैं। कांग्रेस इसमें दूर-दूर तक दिखाई नहीं देती है। प्रधानमंत्री की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जयराम रमेश ने कहा, “प्रधानमंत्री को अपना इतिहास नहीं पता है। वास्तव में, वह कोई और नहीं, बल्कि हिंदू महासभा के अध्यक्ष मुखर्जी थे, जो बंगाल में मुस्लिम लीग के साथ गठबंधन सरकार में शामिल थे। हिंदू महासभा सिंध और उत्तर-पश्चिम सीमांत प्रांत में भी मुस्लिम लीग के साथ गठबंधन में थी।’’
रमेश ने कहा, ‘‘कांग्रेस नहीं, बल्कि भाजपा विभाजन की राजनीति में विश्वास करती है और ऐसा करती भी है। बता दें कि इससे पहले शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस के घोषणापत्र को झूठ का पुलिंदा बताया था। कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए भाजपा ने कहा था कि देश में दशकों तक शासन करने वाली इस पार्टी ने विधानसभा और लोकसभा चुनाव के लिए अपने घोषणापत्र में किए घए किसी भी वादे को पूरा नहीं किया। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि मतदाताओं के बीच भ्रम पैदा करने के लिए कांग्रेस इस तरह का चुनीव घोषणापत्र लेकर आई है।
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