लखनऊ। पूर्वी उत्तर प्रदेश (Eastern Uttar Pradesh) में स्वाइन फ्लू (Swine flu) ने दस्तक दे दी है। अब तक तीन मरीजों में स्वाइन फ्लू (Swine flu) की तस्दीक हुई है। इन मरीजों को वायरल इंफेक्शन हुआ था। वह इलाज कराने के लिए एम्स पहुंचे थे। जहां जांच में इसकी पुष्टि हुई। दरअसल जिले में इन दिनों वायरल संक्रमण (Viral infection) फैला हुआ हैं। इस संक्रमण की चपेट में बच्चे, युवा, बुजुर्ग सभी हैं। संक्रमण के कारण लोगों को तेज बुखार, सिर में बेतहाशा दर्द, सांस की नाली और सीने में तकलीफ हो रही है। इसके अलावा पेट का संक्रमण और डायरिया भी हो रहा है। बच्चे और युवाओं में निमोनिया (Pneumonia) के भी लक्षण मिल रहे हैं। पिछले एक हफ्ते से वायरल इंफेक्शन के मरीजों की संख्या में जबर्दस्त उछाल आया है।
बीआरडी मेडिकल कॉलेज (BRD Medical College), जिला अस्पताल व गोरखनाथ चिकित्सालय की ओपीडी में संक्रमण से जूझ रहे मरीजों की लंबी कतार लग रही है। मेडिसिन और बाल रोग विभाग की ओपीडी में आधे मरीज सिर्फ वायरल इंफेक्शन की ही पहुंच रहे हैं। इन मरीजों में 10 फीसदी मरीजों की हालत गंभीर हो रही है। मरीजों को हाई डोज दवाएं दी जा रहीं हैं।
कोविड जैसे हैं लक्षण, रिपोर्ट नेगेटिव गोरखनाथ चिकित्सालय के फिजीशियन डॉ. संजीव गुप्ता ने बताया कि वायरल निमोनिया के मरीजों में कोविड जैसे लक्षण हो रहे हैं। हालांकि जांच करने पर रिपोर्ट निगेटिव आ रही है। मरीजों के फेफड़ों में संक्रमण भी हो रहा है। खास बात यह है कि तेज बुखार सात से 10 दिन तक बना रह रहा है। इस दौरान सिर में तेज दर्द हो रहा है। दर्द निवारक और बुखार की दवाएं मरीजों पर कम असर कर रही है। उनका डोज बढ़ाना पड़ रहा है।
एम्स में मरीजों की लंबी कतार, तीन स्वाइन फ्लू के
एम्स में वायरल इंफेक्शन के मरीजों की लंबी कतार लगी हुई है। मेडिसिन व बाल रोग विभाग की ओपीडी में मरीजों की लंबी कतार लगी है। इन मरीजों में स्वाइन फ्लू के मरीज भी शामिल हैं। मीडिया प्रभारी डॉ. अरूप मोहंती ने बताया कि माइक्रो बॉयोलॉजी विभाग में हुई जांच में अब तक सात मरीजों में इन्फ्लूएंजा-ए वायरस की पुष्टि हुई है। पांच में बैक्टीरिया इन्फेक्शन मिला है। जबकि तीन मरीजों में स्वाइन फ्लू की भी पुष्टि हुई है। इस साल स्वाइन फ्लू का यह पहला मामला है।
शरीर में न कम होने दें तरल पदार्थ
फिजीशियन डॉ. पीके श्रीवास्तव ने बताया कि इस बार वायरल इंफेक्शन में मरीजों के शरीर में तरल पदार्थ तेजी से कम हो रहे हैं। मरीजों को डायरिया हो जा रहा है। बीमार होने पर शरीर में तरल पदार्थ को कम न होने दें। पानी का खूब सेवन करें। ठोस के साथ तरल आहार अवश्य लें।
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