अलीगढ़। अनूपशहर रोड पर स्थित कबीर कॉलोनी की धूल भरी गलियों से निकलकर ऑस्ट्रेलिया में मल्टीनेशनल कंपनी खड़ी करने वाले अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व सचिव आमिर कुतुब का रास्ता इतना आसान न था। दिल्ली में एक मल्टीनेशनल कंपनी की नौकरी छोड़कर ऑस्ट्रेलिया पहुंचे आमिर ने वहां पर एयरपोर्ट पर झाड़ू भी लगाई और अखबार भी बांटे। इसके बाद सन् 2014 में डिजिटल सर्विस देने वाली मल्टीनेशनल कंपनी खड़ी की जो आज सात अलग-अलग देशों में अपनी सेवाएं दे रही है।
ऑस्ट्रेलिया में रह रहे आमिर कुतुब ने बताया कि वह एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके माता-पिता भी करोड़ों मध्यम वर्गीय परिवार की तरह चाहते थे कि उनका बेटा डॉक्टर बने, लेकिन उनका मन हमेशा से ही कुछ अविष्कार की गतिविधियों में लगा रहता था। 12वीं के बाद उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में मैकेनिक इन इंजीनियरिंग में एडमिशन लिया। यह सोचा था कि यहां पर कुछ नई किस्म की मशीनें बनाने और समझने का मौका मिलेगा, लेकिन जल्द ही पता लग गया कि वही पुरानी परिभाषाएं और पुराने चैप्टर हैं, जिनसे वह कक्षा 12 से निकल कर आए हैं।
पूरे इंजीनियरिंग के दौरान यही मन में घुटन रही कि कुछ क्यों नहीं कर पा रहे हैं। इस दौरान सन 2011 में छात्र संघ में सचिव पद का चुनाव लड़ा और सफलता हासिल की। इसका फायदा यह मिला के नेतृत्व की बारीकियां समझ में आईं।
पढ़ाई पूरी करने के बाद दिल्ली में होंडा कंपनी में नौकरी लग गई, लेकिन दिल को मंजूर नहीं हुआ। छात्र वीजा हासिल करके ऑस्ट्रेलिया का रुख किया, लेकिन यहां आकर लगा के शायद कोई गलत फैसला कर लिया है। रिश्तेदारों ने भी मजाक उड़ाना शुरू कर दिया था। ऐसे में साथ रही तो सिर्फ हिम्मत। यहां 4 महीने में 170 जगह नौकरी के लिए दरवाजा खटखटाया, लेकिन कामयाबी हासिल नहीं हुई। इसके बाद एयरपोर्ट पर क्लीनिंग स्टाफ को ज्वाइन किया। साथ ही अखबार भी बांटे। लंबे संघर्ष के बाद डिजिटल सॉल्यूशन के लिए कंपनी की शुरुआत की जो कि अब जाकर एक कामयाब कंपनी बन पाई है।
इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान पूरी क्लास में एक शिक्षक ने यह कह दिया था कि तुम लिख कर ले लो आमिर तुम अपनी जिंदगी में कुछ नहीं कर सकते। इस बात से दिल टूट गया, लेकिन कुछ दिनों बाद यूनिवर्सिटी में एक मल्टीनेशनल कंपनी द्वारा टेक फेस्ट आयोजित किया। इसमें इन्नोवेटिव माडल के लिए दूसरा स्थान हासिल किया। यह भी इत्तेफाक था कि पुरस्कार देने वाले वही शिक्षक थे, जिन्होंने कह दिया था कि तुम जिंदगी में कुछ नहीं कर सकते।
आमिर कुतुब की कुछ उपलब्धियां एक नजर में
पढ़ाई के दौरान ही यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स के लिए सोशल नेटवर्किंग साइट शुरू की। 15 दिन में लाखों स्टूडेंट जुड़ गए।
छात्रसंघ सचिव रहते हुए 30 नामी-गिरामी कंपनियों को यूनिवर्सिटी में कैंपस प्लेसमेंट के लिए बुलाया। 2000 छात्रों की नौकरियां लगवाई।
ऑस्ट्रेलिया में कामयाबी हासिल करने के बाद ऑस्ट्रेलियन यंग बिजनेस लीडर ऑफ द ईयर अवार्ड से सम्मानित किया गया।
ऑस्ट्रेलिया में मेंबर ऑफ गीलोंज अथॉरिटी ने अपने योजना मंत्रालय में सलाहकार सदस्य के रूप में शामिल किया।
आमिर की कंपनी श्मंकीश आज 7 देशों में अपने डिजिटल सेवाएं दे रही है।
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