नई दिल्ली (New Dehli) । इस्लाम (Islam) धर्म की पवित्र पुस्तक कुरान (Quran) जलाए जाने की घटना के बाद यूरोपीय (European) देश स्वीडन (Sweden) को आतंकी हमलों (attacks) का डर सता रहा है। कुरान के अपमान पर मुस्लिम (Muslim) जगत की नाराजगी के बाद स्वीडन की खुफिया एजेंसी (intelligence Agency) ने गुरुवार को आतंकी हमलों को लेकर आगाह किया है। एजेंसियों ने अपने टेरर अलर्ट लेवल को चार तक बढ़ा दिया है। बता दें कि स्वीडन में आतंकी हमलों के लिए 1 से 5 तक अलर्ट लेवल सिस्टम है। 4 का मतलब है कि देश में भीषण आतंकी हमले हो सकते हैं। 5 को सबसे ज्यादा खतरनाक माना जाता है।
स्वीडिश सुरक्षा पुलिस के प्रमुख चार्लोट वॉन एसेन ने मीडिया को बताया कि लेवल को “ऊपर” बढ़ा दिया गया है। इससे पहले 2016 में इसी तरह का अलर्ट जारी किया गया था। पुलिस अधिकारी ने कहा, “इस फैसले का कारण स्वीडन पर हमले की धमकियों के संबंध में बिगड़ती स्थिति है। इसके अलावा, यह आकलन है कि खतरा लंबे समय तक बना रहेगा।” वॉन एसेन ने जोर देकर कहा कि खतरे का स्तर बढ़ाने का फैसला “सिंगल घटना” पर आधारित नहीं है, बल्कि “सामूहिक मूल्यांकन” पर आधारित था।
पड़ोसी डेनमार्क की तरह स्वीडन में भी हाल के महीनों में पवित्र कुरान के सार्वजनिक अपमान की घटनाएं देखी गई हैं। मुस्लिम देशों ने व्यापक आक्रोश के साथ इसकी निंदा की है। इराकी प्रदर्शनकारियों ने जुलाई में बगदाद में स्वीडिश दूतावास पर दो बार हमला किया। दूसरी बार दूतावास परिसर में आग लगी दी थी। जेद्दा स्थित इस्लामिक सहयोग संगठन ने भी बेअदबी की घटनाओं के बाद कार्रवाई नहीं करने के लिए स्वीडन और डेनमार्क के प्रति “निराशा” व्यक्त की है।
पिछले हफ्ते, बेरूत में स्वीडिश दूतावास पर एक मोलोटोव कॉकटेल फेंका गया था, हालांकि इसमें विस्फोट नहीं हुआ। वीकेंड पर अल-कायदा ने स्कैंडिनेवियाई देश के खिलाफ हमले का आह्वान किया था। विरोध प्रदर्शनों के कारण स्वीडन को 1 अगस्त से सीमा नियंत्रण बढ़ाना पड़ा। कई पश्चिमी देशों ने हाल ही में स्वीडन के लिए यात्रा करने से पहले एडवाइजरी देखने का अनुरोध किया था।
अमेरिका ने 26 जुलाई को अपने नागरिकों से “आतंकवाद के कारण स्वीडन में अधिक सावधानी बरतने” का आग्रह किया था। रविवार को, ब्रिटेन के विदेश कार्यालय ने कहा कि “आतंकवादियों द्वारा स्वीडन में हमले करने की कोशिश करने की बहुत संभावना है।” इसने कहा था कि “स्वीडन में अधिकारियों ने कई नियोजित हमलों को सफलतापूर्वक विफल कर दिया है और कई गिरफ्तारियां की हैं”।
हालांकि स्वीडिश अधिकारियों ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है कि क्या किसी हमले को नाकाम किया गया है या गिरफ्तारियां की गई हैं। हालांकि स्वीडन ने पवित्र कुरान के अपमान की निंदा की है लेकिन भाषण और सभा की स्वतंत्रता के संबंध में अपने कानूनों को बरकरार रखा है। सरकार ने कुछ परिस्थितियों में पवित्र ग्रंथों के अपमान से जुड़े विरोध प्रदर्शनों को रोकने के लिए कानूनी उपाय तलाशने की कसम खाई है, हालांकि बहुमत इस तरह के बदलाव के विरोध में दिखाई देता है।
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