नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (10 सितंबर) को ‘स्वस्ति अस्तु विश्व’- शांति के लिए प्रार्थना के साथ जी-20 शिखर सम्मेलन का समापन किया. उन्होंने ब्राजील (Brazil) के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा को जी-20 अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी.
पीएम मोदी ने शिखर सम्मेलन के समापन अवसर पर कहा, “मैं जी-20 शिखर सम्मेलन की समाप्ति की घोषणा करता हूं. आशा है कि एक पृथ्वी, एक परिवार और एक भविष्य का रोडमैप आनंदमय होगा. 140 करोड़ भारतीयों की इसी मंगलकामना के साथ आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद. ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो को मैं हार्दिक शुभकामना देता हूं और उन्हें जी-20 की अध्यक्षता सौंपता हूं.”
वर्चुअल सेशन करने का रखा प्रस्ताव
नवंबर में वर्चुअल सेशन करने का प्रस्ताव रखते हुए पीएम मोदी ने कहा, “भारत के पास नवंबर तक जी-20 की अध्यक्षता है. इन दो दिनों में आपने कई बातें और प्रस्ताव रखे हैं. हमारी जिम्मेदारी है कि जो सुझाव आए और देखा जाए कि उनकी प्रगति में गति कैसे लाई जा सकती है. मेरा प्रस्ताव है कि हम नवंबर के अंत में जी-20 का एक और वर्चुअल सेशन रखें. इसमें हम इस समिट के दौरान में हुई तय विषयों की समीक्षा कर सकते हैं. इस सबका ब्योरा हमारी टीम आपके साथ साझा करेगी. मैं उम्मीद करता हूं कि आप सब इससे जुड़ेंगे.”
India passes the gavel to Brazil.
We have unwavering faith that they will lead with dedication, vision and will further global unity as well as prosperity.
India assures all possible cooperation to Brazil during their upcoming G20 Presidency. @LulaOficial pic.twitter.com/twaN577XZv
— Narendra Modi (@narendramodi) September 10, 2023
ब्राजील को हरसंभव सहयोग का दिया आश्वासन
पीएम मोदी ने साथ ही एक्स पर लिखा, “भारत ने ब्राजील को अध्यक्षता सौंप दी है. हमें अटूट विश्वास है कि वे समर्पण, दूरदर्शिता के साथ नेतृत्व करेंगे और वैश्विक एकता के साथ-साथ समृद्धि को भी आगे बढ़ाएंगे. भारत ने आगामी जी20 की अध्यक्षता के दौरान ब्राजील को हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया.”
ब्राजील के राष्ट्रपति हुए भावुक
इस दौरान ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो ने कहा, “जब हम महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के लिए गए उस समय मैं बहुत भावुक हो ऊठा था. मेरे राजनीतिक जीवन में महात्मा गांधी का बहुत महत्व है क्योंकि अहिंसा का मैंने कई दशकों तक अनुसरण किया है, जब मैं श्रमिक आंदोलन के लिए लड़ा था. यही कारण है कि जब मैंने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की तो मैं भावुक हो उठा था.”
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