सोनभद्र (Sonbhadra)। कुछ दिन पहले रामचरितमानस (Ramcharitmanas) को लेकर दिए गए विवादित बयान का मुद्दा अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने बागेश्वर धाम को लेकर बड़ी बात कह डाली। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि बागेश्वर धाम बाबा (Bageshwar Dham Baba) के पास अगर शक्ति है तो बैठे-बैठे चीन को भस्म कर दें जो रोज भारत को परेशान करता है। स्वामी प्रसाद मौर्य का सीधा इशारा बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री की ओर था। रामचरित मानस पर उठे विवाद पर उन्होंने कहा कि किसी धर्म और किसी संस्कृति के खिलाफ नहीं हूं। श्रीरामचरित मानस का भी विरोध नहीं कर रहा हूं। बस उसकी चंद चौपाइयों में संशोधन चाहता हूं।
सोनभद्र के मउकलां में रविवार को आयोजित बुद्ध महोत्सव (Organized Buddha Festival) में शामिल होने के बाद स्वामी प्रसाद ने मीडिया से कहा कि महिलाओं, आदिवासियों, दलितों और पिछड़ों को धर्म के नाम पर अपमानित न किया जाए। मानस रामचरित की कुछ चौपाइयों को संशोधित किया जाए। बस इतनी ही मांग कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि पहले हमारे साधु और संत तप से इतनी शक्ति प्राप्त कर लेते थे कि वह किसी को श्राप देकर भस्म तक कर देते थे।
आज के साधु, संत और बाबाओं को अपने जप और तप पर भरोसा नहीं है तभी तो वह आतंकवादियों की भाषा बोल रहे हैं। कोई कहता है कि सिर काट देंगे तो कोई कहता है कि जबान और हाथ काट देंगे। ऐसी भाषा बोल कर वह कसाई हो गए हैं। वह धर्मावंबली नहीं बल्कि आतंकवादी हो रहे हैं। उनके हिंसक चेहरे सामने आ रहे हैं। अगर यही हाल रहा तो लोग इनको चढ़ावा देना बंद कर देंगे। उन्होंने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यूपी ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट को पूरी तरह हवा-हवाई बताया। बेरोजगार और महंगाई बढ़ रही है। उस ओर सरकार का ध्यान नहीं है।
पूरे मानस का नहीं, एक चौपाई का विरोध
वाराणसी पहुंचे सपा नेता और एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने स्पष्ट किया है कि उनका विरोध पूरे श्रीराम चरित मानस पर नहीं है, केवल एक चौपाई पर है। यह विरोध आगे भी जारी रहेगा। वाराणसी दौरे पर पहुंचे मौर्य ने रविवार को यह बयान दिया है। उन्होंने कहा कि किसी को भी वर्ग विशेष पर टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है। कहा कि यदि किसी धर्म के हम प्रशंसक या अनुयायी हैं तो कमियां मिलने पर समीक्षा करने का भी हक होना चाहिए। जिस चौपाई को लेकर विरोध किया है, भले ही उसकी अलग-अलग व्याख्या की जाए, लेकिन विरोध जारी रहेगा। एक सवाल पर उन्होंने कहा कि सनातन कोई धर्म नहीं, बल्कि एक प्राचीन व्यवस्था है। उन्होंने इस्लाम का मूल भारत में होने की बात कर कहा कि यह उनके धर्मावलम्बियों का काम है कि वे ही जानें। स्वामी प्रसाद दो दिनी दौरे पर शनिवार को वैवाहिक कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे थे। रविवार को सोनभद्र रवाना होने से पहले उन्होंने मीडिया से बातचीत की।
स्वामी प्रसाद मौर्य के वाहन पर फेंकी स्याही, काले झंडे दिखाए
श्रीराम चरित मानस पर टिप्पणी पर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य को रविवार को विरोध झेलना पड़ा। वाराणसी में सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद सपा नेता स्वामी प्रसाद काफिले के साथ सोनभद्र जाने के लिए निकले। रामनगर के टेंगरा मोड़ पर कुछ लोग स्वागत में फूल-माला लेकर खड़े थे। उन्हें कार्यकर्ता समझ कर जब स्वामी प्रसाद का वाहन रुका तो स्याही फेंक दी गई। उनके सुरक्षाकर्मियों और स्थानीय पुलिस ने रोकने का प्रयास किया। लेकिन वे पुलिस को धक्का देकर वाहन पर काले झंडे और हाथों में लिए फूल माला भी वाहन पर फेंक दिए। हालात बेकाबू होते देख सुरक्षाकर्मी सपा नेता को लेकर आगे बढ़ गए। इससे देर तक वहां अफरा-तफरी रही। उधर, सूचना मिलते ही भारी-भरकम फौज मौके पर पहुंच गई थी। हालांकि, तब तक मामला शांत हो गया था। विरोध-प्रदर्शन में शामिल भाजपा नेता दीपक सिंह राजवीर ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य सनातन धर्म पर सवाल उठा रहे हैं। श्रीराम चरित मानस पर विवादित टिप्पणी के लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए।
रामचरितमानस को लेकर क्या था स्वामी का बयान
रामचरितमानस को लेकर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य विवादित बयान दे चुके हैं। अपने विवादित बयान के बाद से ही स्वामी मौर्य लगातार घिरे चले जा रहे हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था, धर्म कोई भी हो, हम उसका सम्मान करते हैं, लेकिन धर्म के नाम पर जाति और वर्ग विशेष को अपमानित करने का काम किया गया, उस पर हमे आपत्ति है। एक मीडिया चैनल को दिए गए इंटरव्यू के दौरान समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था, कई करोड़ लोग रामचरितमानस को नहीं पढ़ते, सब बकवास है। यह तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने तुलसीदास की लिखी रामचरितमानस को बैन करने की बात कह डाली थी। उन्होंने यहां तक कह दिया था, रामचरितमानस में कुछ विवादित अंश हैं, जिन्हें बाहर कर देना चाहिए, उन पर उन्हें आपित्त है। एसपी नेता की विवादित बयानबाजी यहीं पर नहीं रुकी थी। उन्होंने कहा था, किसी भी धर्म में किसी को भी गाली देने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने तुलसीदास की उस चौपाई पर भी आपत्ति जताई थी जिस पर सपा नेता ने कहा, तुलसीदास शुद्रो को अधम जाति का होने का सर्टिफिकेट दे रहे हैं।
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