जयपुर । राजस्थान में (In Rajasthan) ओएसडी की नियुक्ति पर (On the appointment of OSD) सस्पेंस बरकरार है (Suspense Continues) । राजस्थान में विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारियों और मंत्रियों के लिए विशेष सहायकों की नियुक्ति पर सस्पेंस जारी है। नई सरकार के गठन के दो महीने बाद भी मुख्यमंत्री और उनके कैबिनेट सहयोगियों को अभी तक अपनी टीमें नहीं मिल पाई हैं।
यह मुद्दा तब सार्वजनिक हुआ जब ऐसे मामले सामने आए जब कुछ मंत्रियों के ओएसडी नियुक्त किए गए ,लेकिन उनकी नियुक्तियां रद्द कर दी गईं। इन नियुक्तियों में देरी के अलावा हाई कोर्ट ने महाधिवक्ता की नियुक्ति में देरी को लेकर भी राज्य सरकार को फटकार लगाई। इसके बाद सरकार गठन के 49 दिन बाद भाजपा सरकार ने शनिवार को उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद गुप्ता को राज्य का महाधिवक्ता नियुक्त किया। राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा द्वारा रखे गए प्रस्ताव को मंजूरी दे दी और इस संबंध में आवश्यक आदेश जारी किए।
महाधिवक्ता की नियुक्ति में देरी को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर होने के बाद राज्य सरकार ने यह कदम उठाया है। हाई कोर्ट ने महाधिवक्ता की नियुक्ति में देरी को लेकर राज्य सरकार से जवाब मांगा था। इस बीच ओएसडी की नियुक्ति में हो रही देरी पर अब विपक्ष भी टिप्पणी कर रहा है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि हमारी अंतर्कलह की बात करने वाले ‘पर्ची सरकार’ के लोगों को बताना चाहिए कि उनके मंत्रियों के एसए (वरिष्ठ सहायक) कैसे काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, “मैंने सुना है कि दोनों उपमुख्यमंत्रियों के पहले के एसए को हटा दिया गया है और नए लोगों को नियुक्त किया गया है। दीया कुमारी ने उन्हें खारिज कर दिया। इसके बाद दिल्ली से फोन आया, तब जाकर दीया कुमारी का एसए लगाया गया।” डोटासरा ने यह बात मंगलवार को सीकर में आयोजित पार्टी कार्यकर्ताओं के कार्यक्रम में कही। कार्यक्रम में प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, नेता प्रतिपक्ष टीका राम जूली समेत कई कांग्रेस कार्यकर्ता और पदाधिकारी मौजूद रहे।
इस बीच, राजनीतिक सूत्रों ने कहा कि ओएसडी नामों की फाइल दिल्ली से फाइनल की जाएगी। फिलहाल सीएम के यहां शो को आनंद शर्मा संभाल रहे हैं। शर्मा ने कहा, “मैं एक पार्टी कार्यकर्ता हूं और पार्टी जो भूमिका देगी, उसे निभाऊंगा।” इस बीच, अनुमोदन की प्रतीक्षा कर रहे ओएसडी की एक लंबी सूची है। आईएएनएस के सवाल के जवाब में पार्टी सूत्रों ने कहा, “इन नामों पर फैसला दिल्ली को करने दीजिए। अभी तो सभी पूछ रहे हैं ‘कौन बनेगा मंत्रीजी का ओएसडी’।
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