नई दिल्ली। संसद के आठवें दिन भी विपक्ष का हंगामा जारी रहा। इस हंगामे के चलते दोनों सदनों की कार्यवाही बार-बार स्थगित करनी पड़ रही है। इसके अलावा राज्यसभा में कल निलंबित किए गए सांसदों का धरना प्रदर्शन भी शुरू हो गया है। लोकसभा-राज्यसभा को मिलाकर कुल 24 सांसदों पर निलंबन की कार्रवाई हुई है। इसी बीच बुधवार को विपक्षी दलों के नेताओं ने राज्यसभा अध्यक्ष एम वेंकैया नायडू से मुलाकात की। जिसके बाद संभावना जताई जा रही है कि अगले सप्ताह महंगाई के मुद्दे पर भी चर्चा हो सकती है।
सदन से निलंबित सांसदो के 50 घंटों के धरना प्रदर्शन पर केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि गलती करने वाले अगर गलती को स्वीकार कर माफी मांगते हैं तो वे बड़े हो जाते हैं। लेकिन वे ऐसे अहंकार प्रदर्शन करेंगे तो हम क्या कर सकते हैं। हमें आपके स्वास्थ की चिंता है। इसलिए आपसे अनुरोध है कि आप सुबह से शाम तक विरोध कीजिए लेकिन शाम को अपने घर में चले जाइए। जब सरकार चर्चा के लिए तैयार थी तब आपने जो व्यवहार किया, उसे जनता देख रही है। यह ठीक नहीं है।
इसी बीच, विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं ने बुधवार को राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू से मुलाकात की। इन नेताओं ने निलंबित किए गए 20 सदस्यों का निलंबन वापस लेने की मांग की। हालांकि नायडू ने साफ तौर पर कहा कि निलंबन वापस तभी होगा जब निलंबित सदस्य अपने दुर्व्यवहार के लिए खेद जताएंगे। इसके अलावा, इन नेताओं ने महंगाई के मुद्दे पर भी चर्चा के लिए अपील की। जिसके बाद ये संभावना जताई जा रही है कि अगले सप्ताह की शुरुआत में राज्यसभा में महंगाई के मुद्दे पर चर्चा हो सकती है। इस संबंध में आज सुबह सभापति एम. वेंकैया नायडू की विपक्ष के नेताओं और संबंधित मंत्रियों के साथ हुई बैठकों में व्यापक सहमति बनी है।
विपक्षी नेताओं ने राज्यसभा अध्यक्ष से कहा कि निलंबित किए गए सदस्यों की संख्या अधिक है, इसलिए उनका निलंबन वापस लिया जाना चाहिए। जिससे सदन में सदस्यों की पर्याप्त संख्या बनी रहे। इस दौरान उन्होंने सभापति को यह सुझाव भी दिया कि महंगाई के मुद्दे पर चर्चा के लिए तारीख के बारे में उन्हें पहले से बता दिया जाए। राज्यसभा के सभापति के साथ बैठक के दौरान संसदीय कार्यमंत्री प्रल्हाद जोशी, सदन के नेता पीयूष गोयल और संसदीय कार्य राज्यमंत्री वी मुरलीधरन भी मौजूद थे। मंगलवार को राज्यसभा में हंगामा करने वाले सांसदों पर बड़ी कार्रवाई की गई थी। दरअसल, टीएमसी सांसद सुष्मिता देव, डॉ शांतनु सेन और डोला सेन सहित राज्यसभा के 19 विपक्षी सांसदों को कदाचार करने के आरोप में एक सप्ताह के लिए निलंबित कर दिया गया था। इन सभी पर सदन के वेल में प्रवेश करने और नारेबाजी करने का आरोप है।
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