लोहरदगा: झारखंड से दिल को दहला देने वाली एक घटना सामने आई है. यहां एक शख्स ने अपनी पत्नी के अवैध संबंध के शक में आक्रोशित होकर अपनी चार साल की बेटी को केरोसिन डालकर आग लगा दिया, जिससे बेटी गंभीर रूप से घायल हो गई. गंभीर हालत में इलाज के लिए बच्ची को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां पर प्राथमिक उपचार के बाद बच्ची की गंभीर स्थिति को देखते हुए बेहतर इलाज के लिए रिम्स रेफर कर दिया गया है.
घटना लोहरदगा जिले के सुदूरवर्ती किस्को थाना क्षेत्र के कोचा बरनाग गांव की है. बच्ची की स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई है. आग लगने से बच्ची का शरीर 80 प्रतिशत जल चुका है. सूचना मिलने के बाद पुलिस मामले की जांच और आगे की कार्रवाई में जुट गई है. इस मामले में स्वजनों का बयान दर्ज किया गया है. बताया जाता है कि किस्को थाना क्षेत्र के कोचा बरनाग गांव निवासी पप्पू तुरी को संदेह था कि उसकी पत्नी हीरा देवी का किसी के साथ अवैध संबंध है.
शुक्रवार की देर शाम पप्पू तुरी शराब के नशे में धुत होकर अपने घर आया. इसके बाद वह अपनी पत्नी से झगड़ा करने लगा. पप्पू तुरी ने अपनी पत्नी को चाकू दिखाकर जान से मारने की कोशिश की जिसके बाद पप्पू तुरी की पत्नी हीरा देवी घर से बाहर भाग गई. इसी बीच पप्पू तुरी ने अपनी चार साल की बेटी सोमारी कुमारी को घर के कमरे में बंद कर आग लगा दी, जिसकी वजह से सोमारी कुमारी 80 प्रतिशत तक जल गई है.
स्थानीय ग्रामीणों की सहायता से तत्काल सोमारी कुमारी को इलाज के लिए लोहरदगा सदर अस्पताल लाया गया. सूचना मिलने के बाद पुलिस ने सदर अस्पताल पहुंचकर बच्ची के स्वजनों का बयान दर्ज किया है. घटना के बाद पप्पू तुरी फरार बताया जा रहा है. इस घटना को लेकर लोग हैरान हैं. किस्को थाना पुलिस और सदर थाना पुलिस पूरे मामले की जांच और आगे की कार्रवाई में जुट गई है. घटना को लेकर पीड़ित बच्ची की मां भी काफी खौफ में है. बच्ची की मां हीरा देवी ने बताया की घर में पति-पत्नी के बीच आपसी विवाद हो रहा था.
पति पप्पू तूरी शराब पिये हए था और अवैध संबंध का आरोप लगाकर चाकू से मारना चाह रहा था तभी मैं घर से भाग गई. इसके बाद पप्पू तूरी आवेश में आकर अपनी चार वर्षीय बेटी को कमरे में बंद कर आग लगा दिया. प्राथमिक उपचार करने वाले सदर अस्पताल के डॉक्टर सुदामा कुमार ने बताया कि बच्ची की स्थिति बेहद गंभीर है. जलने से शरीर का 80 प्रतिशत हिस्सा जल गया है, ऐसी स्थिति में मरीज को बचाना काफी मुश्किल होता है. हमने उपचार कर जल्द बेहतर इलाज के लिए रिम्स भेज दिया है ताकि समय पर इलाज मिले और बच्ची बच सके.
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