भोपाल। राजधानी भोपाल में पकड़े गए हिज्ब उत तहरीर (हट)के संदिग्ध आतंकियों ने घर के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगा रखे थे। जिससे हर आने जाने वाले पर पैनी नजरें रखी जा सकें। वसीम, मोहम्मद आलम और महराज अली के घर के बाहर यह सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। वहीं एटीएस रिमांड पर लेकर आरोपियों से पूछताछ कर रही है। उनसे पूछताछ के आधार पर संगठन से जुड़े अन्य युवकों की भी गिरफ्तारी की जाएगी। जानकारी के अनुसार खुद को राजनैतिक संगठन बताने वाले हिज्ब-उत-तहरीर ने अपनी वेबसाइट पर दावा किया है कि उसने सीरिया में इस्राइल के अत्याचार के खिलाफ 2010 में दिल्ली में प्रदर्शन किया था। इस प्रदर्शन में 10 हजार लोगों ने हिस्सा लिया था। इस संगठन की भारत में यह आखिरी गतिविधि थी। संगठन ने दक्षिण एशिया के पाकिस्तान और बांग्लादेश में अपनी महत्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज कराई है। इस कारण यह भारत के साथ ही वैश्विक समुदाय के लिए बड़ा खतरा माना जा रहा है। बता दें कि हिज्ब-उत-तहरीर (एचयूटी) कट्टरपंथी इस्लामी प्रचारक तकी अल-दीन-अल-बानी द्वारा लिखित संविधान को लागू करने के लिए युवाओं को कट्टरपंथी बनाने में जुटा है। दक्षिण भारत के बाद अब एमपी में इसकी गतिविधियां मिलने से सरकार भी सकते में है।
छिंदवाड़ा का अब्दुल ऑनलाइन मीटिंग की करता था व्यवस्था
छिंदवाड़ा निवासी अब्दुल करीम पिछले करीब 10 साल से एक प्राइवेट बैंक में बतौर मैनेजर जॉब कर रहा था। उसे बुधवार को भोपाल कोर्ट में पेश कर 20 मई तक की रिमांड पर लिया गया है। करीम संगठन में टेक्निकल पार्ट देखता था। वह ऑनलाइन मीटिंग अरेंज करता था, जिसमें सभी साथी जुड़कर मीटिंग करते थे। ऑनलाइन ही उनकी प्लानिंग होती थी। रिमांड के दौरान करीम से भी कई महत्वपूर्ण खुलासे होंगे।
कु छ के पास पासपोर्ट, पर कोई भी विदेश नहीं गया
एटीएस द्वारा गिरफ्तार किए गए सदस्यों में से कु छ के पास ही पासपोर्ट होने का पता चला है। लेकिन किसी भी सदस्य ने अब तक पासपोर्ट पर विदेश यात्रा नहीं की है। आरोपियों के बैंक खातों की भी एटीएस ने अब तक जानकारी नहीं जुटाई है। फं डिंग का स्त्रोत मिलते ही बैंक खातों की डिटेल निकलवाई जाएगी। इसी आधार पर जांच आगे बढ़ती रहेगी।
एमपी में पहले भी आतंकी गतिविधियां संचालित होती रही हैं
एमपी में एचयूटी से पहले पीएफ आई, सिमी, इंडियन मुजाहिद्दीन जैसे संगठनों का आधार रहा है। हालांकि एटीएस और एमपी पुलिस ने इन संगठनों पर पुख्ता कार्रवाई कर एक तरह से इन्हें जड़ से मिटा चुकी है, लेकिन एचयूटी के सामने आने के बाद से सरकार और एटीएस सहित एनआईए भी चौकन्नी हो चुकी है।
इन सवालों के जवाब तलाश रही पुलिस
एनआईए आरोपियों से पूछताछ में अब ये पता लगा रहे हैं कि ये लोग किस तरह के हथियारों की ट्रेनिंग ले रहे थे। हालांकि इनके पास से कोई हथियार नहीं मिला है। एटीएस यह भी जांच कर रही है कि एचयूटी के सदस्यों को फं डिंग कहां से हो रही थी। बता दें कि मप्र एंटी टेरेरिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) द्वारा भोपाल से गिरफ्तार 10 और छिंदवाड़ा से गिरफ्तार 01 सदस्य 19 मई तक पुलिस रिमांड पर हैं। हैदराबाद से गिरफ्तार किए गए पांच सदस्यों को गुरुवार को भोपाल की जिला अदालत में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा।
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