मुंबई। भारत को अकड़ दिखाते-दिखाते कनाडा (Canada) की कानून व्यवस्था इतनी चरमरा गई है कि दिन-दहाड़े मंदिरों में हमले होने लगे हैं। हिंदुओँ को खुलेआम टारगेट किया जाता है और कनाडाई पीएम (Canadian PM) वहां होने वाले अपराधों का ठीकरा भारत पर फोड़ते नजर आते हैं।
खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद जिस तरह से जस्टिन ट्रूडो ने बेबुनियाद आरोप लगातर भारत को बदनाम करने की कोशिश की है, उससे दोनों देशों के रिश्ते बद से बदतर हो गए हैं। इसी बीच पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जस्टिन ट्रूडो पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने एक पुराना किस्सा भी याद किया। जब वह पंजाब के मुख्यमंत्री हुआ करते थे तो उस वक्त कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने जस्टिन ट्रूडो को उनकी हैसियत बता दी थी और सख्ती से कह दिया था कि जब तक वह मुख्यमंत्री से नहीं मिलते तब तक पंजाब का दौरा नहीं कर सकते।
कैप्टन अमिरंदर ने कहा, जस्टिन ट्रूडो ने अपने सिख रक्षा मंत्री को पंजाब भेजा था। मैंने उससे मिलने से इनकार कर दिया था क्योंकि वह खुद वर्ल्ड सिख ऑर्गनाइजेशना का सक्रिय सदस्य था। उस समय यह संगठन खालिस्तानी आंदोलन से जुड़ा था। रक्षा मंत्री के पिता ही संगठन के मुखिया थे। कुछ महीने बाद जस्टिन ट्रूडो पंजाब के दौरे पर आए और उन्होंने सीएम अमरिंदर सिंह से मिलने से इनकार कर दिया। तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इसपर कड़ी आपत्ति जलताई और उन्होंने साफ-साफ कह दिया कि अगर ट्रूडो मुख्यमंत्री से नहीं मिलते तो वह राज्य का दौरा नहीं कर सकते। इसके बाद अपने रक्षा मंत्री सज्जन के साथ जस्टिन ट्रूडो कैप्टन अमरिंदर सिंह से अमृतसर में मिले।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा, ट्रूडो से मुलाकात के दौरान मैंने बताया कि कनाडा खालिस्तानियों का अड्डा बन गया है और कोई भी पंजाबी यह नहीं चाहता। वहां ड्रग्स और गैंगस्टरों काचलन है। मैंने उन्हें 20 लोगों के नाम दिए थे जो कि अपराधी हैं। कुछ तो उनकी ही कैबिनेट के सदस्य थे। उन्होंने बताया कि ट्रूोडो ने एक्शन लेने की बात कही थी लेकिन इसके बाद से आपराधिक गतिविधियां और बढ़ गईं। उन्होंने कहा कि कनिष्क विस्फोट की घटना ने पूरे पंजाब को हिलाकर रख दिया था।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा, कनाडा में ऐसी सरकार है जो कि निजी स्वार्थ् के लिए आतंकियों और अलगाववादियों को बढ़ावा दे रही है और अपराधियों का उत्पादन करने में लगी है। उन्होंने कहा कि एक महत्वाकांक्षी इंसान कभी पुरानी दोस्ती को खराब नहीं करता है। ऐसा नहीं होता है कि जो देश दशकों से दोस्त रहे हौं उनके संबंध इस कदर खराब हो जाएं। एक आतंकी की हत्या को लेकर जस्टिन ट्रूडो जिस तरह से भारत पर उंगली उठा रहे हैं, वह खुद अपनी बर्बादी के लिए जिम्मेदार हैं।
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