उज्जैन। सर्व पितृ अमावस्या (Sarvapitra Amavasya) पर 2 अक्तूबर 2024 को साल का अंतिम सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. यह सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) रात 9 बजकर 13 मिनट से शुरू होगा और 3 अक्तूबर को सुबह 3 बजकर 17 मिनट पर समाप्त होगा. सूर्य ग्रहण खगोल विज्ञान की महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है. माना जाता है कि जब पूथ्वी और सूर्य के बीच चंद्रमा आ जाता है, तो चांद के पीछे सूरज का बिंब कुछ समय के लिए ढक जाता है. इस घटना को सूर्य ग्रहण कहते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य ग्रहण का प्रभाव सभी जन्मांक पर भी पड़ता है. इस दौरान कुछ जन्मांक को ग्रहण के दुष्प्रभाव से जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. लेकिन कुछ राशियों के लिए यह समय लाभकारी माना गया है.
अपना सूर्यांक जानने के लिए अपने जन्म की तारीख और माह का योग निकालें. उदाहरण के तौर पर अगर आपका जन्म 23 मई को हुआ है तो आपका सूर्यांक हुआ 23+5 = 28 (2+8= 10 =1) . यानि आपका सूर्यांक हुआ 1. इसी तरह से आप अपना सूर्यांक निकाल सकते हैं.
सूर्य ग्रहण काल के पश्चात अपने सूर्यांक के अनुसार करें दान:
सूर्यांक 1- गेहूं, मूंगफली और राजमा का दान करें.
सूर्यांक 2 – दही, चूड़ा या पोहा, चीनी का दान करें.
सूर्यांक 3 – पके केले, बेसन, चने की दाल,पीले रंग का वस्त्र का दान करें.
सूर्यांक 4 – ब्राउन कपड़े, नारियल का दान करें.
सूर्यांक 5 – हरे रंग के कपड़े और जरूरतमंद महिलाओं को साड़ी का दान करें.
सूर्यांक 6 – चावल, आटा, मैदा, दूध और दही का दान करें.
सूर्यांक 7 – तिल, नींबू, पका केला बहते पानी में बहाएं.
सूर्यांक 8 – छतरी, चमड़े के जूते-चप्पल, बैग आदि चीजों का दान करें.
सूर्यांक 9 – गुड़, गेहूं, मूंगफली और लाल मिर्च का दान करें
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