नई दिल्ली: साल 2024 का पहला सूर्य ग्रहण (First solar eclipse of the year 2024) लग चुका है. यह ग्रहण बेहद खास माना जा रहा है, क्योंकि ये एक पूर्ण सूर्य ग्रहण है. इसका समय काल करीब 5 घंटे 10 मिनट का है. भारतीय समयानुसार, ग्रहण रात्रि 9 बजकर 12 मिनट से शुरू हो गया और देर रात 2 बजकर 22 मिनट तक रहेगा. सूर्य ग्रहण के समय भारत में रात्रि है. इसलिए सूर्य ग्रहण का सूतक काल भारत में मान्य नहीं है. यह सूर्य ग्रहण अमेरिका, कनाडा, कोलंबिया, वेनेजुएला, आयरलैंड, पुर्तगाल, नॉर्वे, पनामा, रूस, बहामास आदि देशों में देखा जा रहा है. इस सूर्य ग्रहण की समय अवधि पांच घंटे से भी अधिक है. यही नहीं लगभग सात मिनट से ज्यादा समय तक सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाएगा. वैज्ञानिकों का कहना है कि इस तरह का सूर्य ग्रहण आज से 54 साल पहले लगा था. आइए अब जानते हैं कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस सूर्य ग्रहण का सूतक काल भारत में मान्य नहीं होगा, लेकिन फिर भी इस दिन किसी भी नए या शुभ कार्य की शुरुआत नहीं करनी चाहिए. ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, सूर्य ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले ही शुरू हो जाता है. इसलिए भले ही सूर्य ग्रहण रात में इस समय चल रहा है, लेकिन भारत में इसका सूतक काल सुबह के 9 बजकर 12 मिनट से शुरू हो चुका है. इसलिए इस दौरान कोई भी शुभ कार्य करने से बचें.
सूर्य ग्रहण के दौरान मंदिर के कपाट या दरवाजे बंद रखे जाते हैं, इसलिए इस दौरान भगवान की प्रतिमा या तस्वीर को छूने से बचें और घर के मंदिर में या पूजा स्थल में पूजा पाठ न करें. गर्भवती महिलाओं को सूर्य ग्रहण के दिन खास ख्याल रखना पड़ता है. इसलिए गर्भवती महिलाएं नुकीली वस्तुएं जैसे सुई, चाकू, कैंची, रेजर आदि को न छुएं और ग्रहण खत्म होने तक घर से बाहर न निकलें. ग्रहण के दौरान सोना अशुभ माना जाता है. इसलिए ग्रहण के दौरान सोना नहीं चाहिए. ग्रहण के दौरान नाखून और बाल कटवाना भी वर्जित माना जाता है. इसलिए ग्रहण के दौरान नाखून और बाल नहीं कटवाने चाहिए.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य ग्रहण के दौरान आपको मंत्रों का जाप करना चाहिए. ऐसा करने से लाभ मिलता है. माना जाता है कि ग्रहण के दौरान मंत्र जाप करने से मानसिक रूप से सशक्त बनते हैं और ग्रहण के नकारात्मक प्रभाव भी मंत्र जाप से दूर होते हैं. ग्रहण के दिन या दौरान ध्यान करना भी अच्छा माना जाता है. इस दिन ध्यान करने से मानसिक शांति मिलती है. साथ ही ग्रहण से पहले ही भोजन कर लेना चाहिए. अगर भोजन घर में बचा हुआ हो तो उसमें तुलसी के पत्ते डाल देने चाहिए. ग्रहण के दौरान धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन करने से भी लाभ मिलता है. इसलिए इस ग्रहण के दौरान गीता, रामचरितमानस आदि धार्मिक पुस्तकों का पाठ कर सकते हैं.
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