उज्जैन (Ujjain)। अप्रैल माह में सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) लगने वाला है. भले ही इस खगोलीय घटना (astronomical phenomenon) में अभी एक हफ्ते से ज्यादा का वक्त हो, लेकिन इसे देखने के लिए लोगों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है.
जानकारी के लिए बता दें कि 8 अप्रैल को लगने वाला है, ये पहला सूर्य ग्रहण होगा. इस पहले पूर्ण सूर्य ग्रहण को लेकर भारत में भी उत्सुकता देखने को मिली है. ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर सूर्य ग्रहण क्या है और भारत में कब देखने को मिलने वाला है.
दरअसल, सूर्य ग्रहण तब लगता है कि जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है. चंद्रमा सूर्य को पूर्णता या आंशिक रूप से ढक लेता है. पृथ्वी से देखने पर हमें सूर्य पर काली छाया दिखाई देती है. एक तरह से कहे तो चंद्रमा की छाया पृथ्वी पर पड़ रही होती है. दिन में भी रात का एहसास होने लगता है. सूर्यग्रहण के समय सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीध में होते हैं. इस बार लगने वाला सूर्य ग्रहण पूर्ण है, जिसकी वजह से चंद्रमा सूरज को पूरी तरह से ढक लेगा.
कितनी देर तक लग सकता है सूर्य ग्रहण?
पूर्ण सूर्य ग्रहण की अवधि कुछ सेकंड्स से लेकर 7.5 मिनट तक हो सकती है. कुछ मौकों पर ये कई घंटों तक भी लगा है. 22 जुलाई, 2009 को 21वीं सदी का सबसे लंबा पूर्ण सूर्य ग्रहण देखने को मिला था, जब ये 6 मिनट 39 सेकंड तक चला था. हालांकि, इस बार होने वाला सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल को दोपहर 2.12 बजे शुरू होगा, जो 9 अप्रैल सुबह 2.23 बजे खत्म होगा. इस तरह सूर्य ग्रहण की 12 घंटे की अवधि में अलग-अलग हिस्सों में कुछ मिनटों के लिए लगने वाला है.
अगला पूर्ण सूर्य ग्रहण कब लगेगा?
लोगों को अगले पूर्ण सूर्य ग्रहण के लिए दो साल का इंतजार करना होगा. 12 अगस्त, 2026 को अगला पूर्ण सूर्य ग्रहण लगने वाला है, जो एशिया, अफ्रीका, यूरोप और उत्तरी अमेरिका में देखने को मिलेगा. भारत में भी बड़ी आसानी से इस घटना को देखा जा सकेगा. सूर्य ग्रहण देखने के समय काफी सावधानी बरतनी पड़ती है, क्योंकि सूरज को बिना किसी चश्मा लगाए देखना खतरनाक साबित हो सकता है. इसलिए एक खास चश्मे के जरिए ही इस घटना को देखा जा सकता है.
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