उज्जैन। सिंहस्थ के पहले उज्जैन से जोडऩे वाले कई रोड बनने वाले हैं, जैसे उज्जैन-इंदौर सिक्सलेन, उसी तरह उज्जैन-जावरा फोरलेन बनाने के लिए सर्वे शुरू हो गया है। इस रोड पर हर वर्ष 70 से अधिक लोगों की मौत पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार होती है। यहाँ अब नया फोर लेन रोड बनाया जाएगा। उज्जैन से जावरा तक लगभग 102.8 किलोमीटर लंबा नया फोरलेन बनने वाला है। ये ग्रीनफील्ड एक्सेस कंट्रोल्ड हाइवे खेतों से निकलने वाला और जमीन से एक मीटर ऊपर रहेगा। जिसे मार्च के पहले सप्ताह में हुई मध्यप्रदेश सरकार की कैबिनेट ने मंजूरी दी थी। इसके लिए कंसल्टेंट एजेंसी नेयूटिलिटी सर्वे उपयोगिता सर्वेक्षण शुरू कर दिया है। यह 10 जून 2024 तक पूरा किया जाना है। इसके बाद उज्जैन-जावरा रोड की डीपीआर स्वीकृति और टेंडर प्रोसेस होगी। जिस तरह से तैयारी चल रही है, उसे देखते हुए लग रहा है कि सिंहस्थ 2028 के पहले यह फोरलेन तैयार हो जाएगा।
खास बात यह है कि नया फोरलेन मौजूदा जावरा-उज्जैन टू-लेन से अलग और उत्तर दिशा में बनाया जाएगा। इसे ग्रामीण व शहरी बसाहट से बाहर बायपास के रूप में निकाला जाएगा। वैसे तो शासन का प्रयास है कि इसमें ज्यादा से ज्यादा सरकारी भूमि (कांकड़) का उपयोग हो। बावजूद ये खेती की जमीन से होकर भी निकलेगा, इसलिए इसे ग्रीनफील्ड हाइवे नाम दिया है। भूमि अधिग्रहण से लेकर निर्माण कार्य पर करीब 5 हजार 17 करोड़ 22 लाख रुपए खर्च होंगे। यह ग्रीनफील्ड एक्सेस कंट्रोल्ड हाइवे पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप हाइब्रिड एनयूटी के आधार पर बनाया जाएगा। उज्जैन-जावरा फोरलेन रोड में लगभग 557 करोड़ रुपए एमपीआरडीसी (मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम) खर्च करेगा, जबकि 4460 करोड़ रुपए का भुगतान राज्य सरकार के बजट से किया जाएगा। टेंडर और वास्तविक निर्माण लागत निकालने से पहले जिस रूट से यह बनना है, उस रूट पर यूटिलिटी सर्वे किया जा रहा है। ग्रीनफील्ड फोरलेन खेतों के बीच नए सिरे से जमीन अधिग्रहण करके बनाया जाएगा, इसलिए ज्यादा भूमि अधिग्रहण होंगी। करोड़ों रुपए का मुआवजा देना पड़ेगा, वहीं प्रारंभिक सर्वे के अनुसार इस रूट पर दो रेलवे ओवरब्रिज, 5 अन्य फ्लाईओवर, 7 बड़े, 26 छोटे पुल और 270 छोटी व सामान्य पुलियाएँ बनेंगी। स्ट्रक्चर और जमीन अधिग्रहण मुआवजे के कारण ही प्रोजेक्ट की लागत 5 हजार करोड़ के पार पहुँची है। एनएचएआई द्वारा दिल्ली-मुंबई के बीच 1385 किमी लंबा ग्रीनफील्ड एक्सेस कंट्रोल्ड 8 लेन एक्सप्रेस-वे बनाया जा रहा है। मध्यप्रदेश में निर्माण पूरा हो चुका है। मध्यप्रदेश में रतलाम, मंदसौर व झाबुआ जिले में कुल 7 इंटरचेंज एक्सप्रेस-वे पर चढऩे के लिए है। इनमें से एक जावरा के पास भूतेड़ा में हैं। इसी से उज्जैन-जावरा फोरलेन को जोड़ा जाएगा दिल्ली-मुंबई 8 लेन एक्सप्रेस-वे से नए उज्जैन-जावरा फोरलेन की कनेक्टिविटी के बाद जावरा नया ट्रांसपोर्ट और औद्योगिक हब भी बनेगा। क्योंकि ये इंटरचेंज दिल्ली-मुंबई का सेंटर पॉइंट है। इसलिए इंदौर, उज्जैन, पीथमपुर तरफ से दिल्ली व मुंबई का ट्रांसपोर्टेशन आसान होगा। उज्जैन धार्मिक नगरी और महाकाल लोक के कारण प्रसिद्ध है तो स्वभाविक है कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी कई गुना बढ़ जाएगा।
फोरलेन बनने के बाद दुर्घटनाओं में आएगी कमी
यदि पुलिस के दुर्घटना के आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो उज्जैन-जावरा टू लेन पर सड़क दुर्घटनाओं की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है। इस मार्ग पर हर साल सड़क दुर्घटना में 70 से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है। फोरलेन बनने के बाद सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी। इस फोरलेन से उज्जैन, रतलाम, इंदौर सहित आसपास के जिलों को फायदा होगा और आवागमन का समय कम हो जाएगा।
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