भोपाल। भोपाल मेट्रो के लिए दूसरे रूट भदभदा से रत्नागिरी तक का सर्वे भी शुरू हो गया है। इस रूट में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए कवायद दो सप्ताह में पूरी की जाएगी। शहर सर्किल के अधिकारियों ने गुरुवार को मेट्रो कार्पोरेशन के इंजीनियरों के साथ मिलकर दूसरे रूट में आ रही जमीनों का जायजा लिया। करीब तीन घंटे चले निरीक्षण के बाद इस रूट में आ रहीं कुछ बाधाओं को चिन्हित किया गया है। मेट्रो के इस रूट में 7वीं वाहिनी का बारूद घर और जैन मंदिर परिसर में लगा जैन स्तंभ सहित लाल परेड ग्राउंड का कुछ हिस्सा मेट्रो के स्टेशन के लिए दायरे में आ रहा है। जब मेट्रो के अधिकारियों ने नपती कर निशान लगाया तो सामने आया कि बारूद घर जो कि 3000 वर्गमीटर क्षेत्र में बना है, वह पूरा मेट्रो की जद में आ रहा है। इस सीमांकन कार्य में राजस्व निरीक्षक संतोष भार्गव, मिश्रीलाल अग्रवाल, मुमताज अली तथा देवेंद्र पटेल ने किया। नपती करने के दौरान मेट्रो परियोजना के इंजीनियर ने मेट्रो स्टेशन और रूट के नक्शे व राजस्व नक्शे से जमीन का मिलान किया। तहसीलदार शहर सर्किल देवेंद्र चौधरी ने बताया कि मेट्रो के लिए जमीन चिन्हित कर इसके जमीन आवंटन का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा जाएगा।
चिकलोद रोड पर जल्द होगा सीमांकन
जिंसी चौराहे से लिली टॉकीज तक चिकलोद रोड के 10-10 मीटर के दायरे में आ रही दुकानों व मकानों का सत्यापन होगा। अधिकारियों की मानें तो पहले चिकलोद रोड की वास्तविक चौड़ाई नापी जाएगी। इसके आधार पर दो तरीके से मकानों और दुकानों को सत्यापित किया जाएगा। सड़क के दायरे में आ रहे मकान और दुकानों को अवैध माना जाएगा तथा सड़क दूर मेट्रो रूट के दायरे में आ रहे मकानों-दुकानों को मुआवजे के लिए चिन्हांकित व सत्यापित किया जाएगा। चिकलोद रोड का सीमांकन नायब तहसीलदार शहर सर्कल, उपयंत्री पीडब्ल्यूडी, सहायक यंत्री भवन अनुज्ञा शाखा नगर निगम, राजस्व निरीक्षक जहांगीराबाद, जोन अधिकारी नगर निगम और वार्ड प्रभारी नगर निगम का संयुक्त दल करेगा।
लाल परेड ग्राउंड का 10 मीटर हिस्सा मेट्रो स्टेशन के लिए होगा उपयोग
मेट्रो रूट के दायरे में लाल परेड ग्राउंड का 10 मीटर हिस्सा भी आ रहा है, जो पुलिस मुख्यालय के सामने है। इससे लाल परेड ग्राउंड थोड़ा छोटा हो जाएगा। हालांकि टीम ने मेट्रो स्टेशन के दायरे में आ रहे एमवीएम कॉलेज के ग्राउंड और मेट्रो रूट में मिंटो हॉल के सामने स्थित नोटरियों और वकीलों के चेंबर और दुकानों का कितना हिस्सा जाना है उसका चिन्हांकन अब तक नहीं किया गया है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved