
केंद्र सरकार की टीम पहुंची… सोमवार से आएगी सर्वे में तेजी
इंदौर। भारत सरकार (Government of India) के द्वारा भेजी गई टीम (Team) ने इंदौर (Indore) में वाटर प्लस (Water Plus) और गार्बेज फ्री सिटी (Garbage Free City) का सर्वेक्षण शुरू कर दिया है। इस टीम की ओर से अभी तो धीमी गति से काम शुरू किया गया है। कल सोमवार से यह सर्वेक्षण तेज गति के साथ शुरू हो जाएगा।
स्वच्छता सर्वेक्षण का कार्य पूरे देश में पूरा हो गया है। अब जिन शहरों के पास वाटर प्लस शहर होने का गौरव हासिल है उनमें यदि उनके इस गौरव की अवधि पूरी नहीं हुई है तो ठीक है, लेकिन जिनकी अवधि पूरी हो गई है वहां पर एक बार फिर वाटर प्लस के लिए नए सिरे से सर्वे किया जाना है। इसके साथ ही गार्बेज फ्री सिटी का भी सर्वे होना है। ध्यान रहे कि यदि एक बार वाटर प्लस सिटी का सर्टिफिकेशन कर दिया जाता है तो वह 2 साल तक कायम रहता है। भारत सरकार के द्वारा नियुक्त की गई एजेंसी के द्वारा यह दोनों सर्वे विभिन्न शहरों में किया जा रहे हैं। सरकार की ओर से 2 दिन पूर्व ही यह सूचना जारी की गई है कि शनिवार के दिन से देश के बड़े शहरों में वाटर प्लस का सर्वे शुरू किया जाएगा। इंदौर में इस सर्वे को अंजाम देने के लिए टीम कल ही इंदौर पहुंच गई। इस टीम के द्वारा अपने आने की सूचना नगर निगम के अधिकारियों को देने के साथ ही सर्वे भी सर्वे का काम भी शुरू कर दिया गया है। सूत्रों ने बताया कि अभी तो इस टीम के द्वारा धीमी गति के साथ ही सर्वे शुरू किया गया है। इसके पीछे कारण यह है कि अभी टीम के सारे सदस्य इंदौर नहीं पहुंच सके हैं। टीम के सभी सदस्य आज रात तक इंदौर पहुंच जाएंगे। उसके बाद में इस टीम के द्वारा कल सोमवार से तेजी से सर्वे शुरू किया जाएगा। इस सर्वे के संबंध में आयुक्त शिवम वर्मा ने सर्वे टीम के आने के पहले कल सिटी बस ऑफिस में समीक्षा बैठक आयोजित की। इस बैठक में जलप्रदाय, स्वास्थ्य, ड्रेनेज, इंदौर स्मार्ट सिटी, उद्यान, जनकार्य, सीटीपीटी, विद्युत विभाग के अधिकारी शामिल हुए। वर्मा ने गार्बेज फ्री सिटी और वाटर प्लस सर्वे की गाइडलाइन के अनुसार झोन वार समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने निर्देशित किया कि शहर के 85 वार्डों में सर्वेक्षण के लिए आवश्यक व्यवस्थाएँ सुनिश्चित की जाएं। इसके अंतर्गत डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण, कचरे का पृथक्करण (सेग्रीगेशन), लीटर बिन की उपलब्धता, स्ट्रांम वाटर लाइन, सीवरेज चैंबर की पर्याप्त सफाई एवं संधारण कार्य को प्रभावी रूप से लागू किया जाए। निर्माणाधीन भवनों के आसपास सुरक्षा उपायों का पालन, पुन: उपयोग किए जाने वाले जल (री-यूज वाटर) का अधिकतम उपयोग, एसटीपी प्लांट की उचित व्यवस्था, सार्वजनिक शौचालयों (सीटीपीटी), यूरिनल्स पर पर्याप्त संकेतक एवं ब्रांडिंग कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए। ध्यान रहे कि इंदौर को देश का पहला वाटर प्लस शहर होने का गौरव हासिल है।