भोपाल। मध्यप्रदेश में 2023 के विधानसभा चुनाव नवंबर में होने हैं। इसके लिए भाजपा ने 200 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए उन सीटों पर खास रणनीति बनाई जा रही है, जहां 2018 में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। इसके लिए सर्वे रिपोट्र्स का सहारा लिया जा रहा है। दरअसल, पिछली गलतियों को न दोहराते हुए उनसे सबक लेकर पार्टी आगे बढऩा चाहती है। पार्टी के साथ इस बार ज्योतिरादित्य सिंधिया भी हैं, जिन्होंने 2018 में कांग्रेस की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसके बाद भी भाजपा कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है। इस वजह से हर सीट के लिए रणनीति बनाई जा रही है। भाजपा की सर्वे रिपोर्ट में केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के प्रभाव, मौजूदा विधायकों की स्थिति और कांग्रेस की स्थिति की पड़ताल की गई है। इन बिन्दुओं को आधार बनाकर ही भाजपा आगामी चुनावों के लिए अपनी रणनीति तैयार कर रही हैं। सबसे ज्यादा फोकस आकांक्षी यानी उन सीटों पर है, जहां पार्टी को हार मिली थी।
विधायकों को स्थिति सुधारने को कहा
भाजपा ने सर्वे में अपने विधायकों की स्थिति की जानकारी भी जुटाई है। इस रिपोर्ट पर हाल ही में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधायकों से बैठक की थी। उन्हें उनकी कमजोरियां बताई। साथ ही अपनी स्थिति को सुधारने की नसीहत दी। विधायकों को बता दिया गया है कि अगले सर्वे तक अपनी स्थिति ठीक कर लें।
जनता की नाराजगी को दूर करें
रिपोर्ट में जनता की नाराजगी के कारणों की भी जानकारी जुटाई गई है। इसके आधार पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों को जनता की समस्याओं का समाधान करने को कहा गया है। ताकि चुनाव से पहले सरकार या पार्टी से जनता में कोई नाराजगी न रहे।
2018 की गलती नहीं दोहराना चाहती भाजपा
मध्यप्रदेश में 2018 के चुनाव में कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मिलकर प्रदेश में कांग्रेस का 15 साल पुराना सत्ता का वनवास खत्म किया था। कांग्रेस की सीटें 58 से बढ़कर 114 हो गई थी। वहीं, भाजपा 165 से लुढ़ककर 109 सीटों पर आ गई थी। हालांकि, भाजपा का वोट प्रतिशत्र 41 प्रतिशत था। कांग्रेस के वोट भाजपा से कम 40.9 प्रतिशत रहे थे। बसपा को दो और निर्दलीय को पांच सीटें भी मिली थी।
हर वर्ग के लिए नवाचार
मिशन 2023 को साधने के लिए भाजपा ने किसी एक वर्ग को नहीं बल्कि सभी वर्गों का साधने का जतन किया है। इसके लिए हर वर्ग के लिए नवाचार किए गए हैं। दरअसल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अलग तरीके की सोशल इंजीनियरिंग पर काम करते रहे हैं। लाड़ली लक्ष्मी योजना हो या मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना, किसानों को सम्मान निधि के साथ अतिरिक्त 4000 रुपये देने हों या हर महीने रोजगार दिवस का आयोजन कर 12 लाख से अधिक युवाओं को स्वरोजगार से जोडऩा। इसी तरह खेलो इंडिया गेम्स के माध्यम से खिलाडिय़ों के बीच भी शिवराज सरकार नए तरीके का संदेश दे रही है। शिवराज सिंह चौहान आयु, आमदनी और जीवन शैली के आधार पर अलग-अलग वर्गों को खुश कर अपने साथ जोडऩे का कोई मौका नहीं गंवाते।
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