भोपाल। भारतीय जनता पार्टी का भोपाल स्थित देश का पहला बड़ा कार्यालय अब टूटने जा रहे हैं। इसके स्थान अब अत्याधुनिक सुविधाअेां से लैस बहुमंजिला भवन बनेगा। अगले एक महीने के भवन भवन खाली कराकर जिला परिवहन कार्यालय में शिफ्ट हो जाएगा। पार्टी हाईकमान के निर्देश पर सोमवार शाम को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने जिला परिवहन कार्यालय का निरीक्षण कर कार्यालय शिफ्ट करने के फैसले पर मुहर लगा दी है। अब जल्द ही पार्टी भवन निर्माण के लिए समर्पण निधि अभियान चलाएगी। इसके तहत पार्टी कार्यकर्ताओं ने 100 रुपए तक की निधि ली जाएगी। भाजपा की नई बिल्डिंग में अत्याधुनिक सुविधाएं सहित पार्किंग, बड़े आडिटोरियम, कांफ्रेंस हाल, कम्युनिकेशन सेंटर, आडियो- वीडियो स्टूडियो, हाईटेक लाइब्रेरी, काल सेंटर, वीडियो कांफ्रेंसिंग के लिए अत्याधुनिक कक्ष जैसी सुविधाएं रहेंगी। नए भवन का निर्माण होने के बाद पार्टी पदाधिकारी भोपाल प्रवास के दौरान कार्यालय में ही ठहरेंगे।
68 हजार महीना किराए पर मिली
भाजपा ने जिला प्रशासन से आरटीओ बिल्डिंग किराए पर ले ली है। परिवहन विभाग ने सोमवार को ही भवन किराए पर देने के आदेश जारी किए हैं। पार्टी का हर महीने 68 हजार रुपए किराया चुकाना होगा। साथ ही बिजली एवं पानी की व्यवस्था अपने स्तर पर करनी होगी।
30 साल पहले कार्यकर्ताओं को बुला-बुलाकर दी थी दुकानें
भाजपा कार्यालय को तोडऩे की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। इसके साथ ही कार्यालय परिसर में स्थित दुकान संचालकों की परेशानी भी बढ़ गई है। क्योकि पार्टी ने दो महीने पहले से किराया लेना बंद कर दिया है। साथ ही पार्टी की भवन शाखा की ओर से दुकानदारों को मौखिक रूप से कहा गया है कि नई बिल्डिंग में उन्हें दुकानें नहीं मिलेंगी। पार्टी कार्यालय में करीब 44 दुकानें है। दुकान संचालक भाजपा और संघ परिवार के लोग ही हैं। दुकानों के प्रतिनिधियों ने बताया कि 30 साल पहले जब प्रदेश भाजपा कार्यालय की नींव रखी जा रही थी, तब पार्टी ने घर से बुला-बुलाकर दुकानें बांटी थीं। साथ ही आश्वासन दिया था कि दुकानें उनके नाम कर दी जाएंगी। हालांकि बाद में कानूनी रोड़े की वजह से दुकानें उनके नाम नही ंकी गई थी। क्योंकि सरकार ने भाजपा को जमीन लीज पर दी है। ऐसे में लीज की जमीन को किसी अन्य के नाम नहीं किया जा सकता है।
3 करोड़ में बना था मौजूदा भवन
30 साल पहले बने भाजपा के मौजूदा कार्यालय का खर्च 3 करोड़ रुपए आया था। रकम पार्टी कार्यकर्ताओं से समर्पण निधि के रूप में ली गई थी। साथ ही करीब एक करोड़ रुपए दुकानें बेचकर जुटाए गए थे। एक दुकान के लिए 2 लाख 18 हजार रुपए एक मुश्त रकम दी गई थी। यानी दुकानों से करीब 1 करोड़ रुपए की निधि जुटाई गई थी। दुकानें संघ और भाजपा परिवार के लोगों के पास ही हैं। इसलिए कोई खुलकर विरोध नहीं कर पा रहा है। मंत्री विजय शाह, भाजपा नेता सुरजीत सिंह चौहान, मुख्यमंत्री के छोटे भाई नरेन्द्र चौहान, हरेन्द्र सिंह समेत अन्य लोगों के पास दुकानें है।
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