नई दिल्ली। कोरोना संकट के दौरान आर्थिक एवं अन्य जरूरतों को लेकर लोगों की समस्याएं अपने चरम पर हैं। ऐसी स्थिति में लोगों को ब्याज के तौर पर केंद्र सरकार से मिली आर्थिक मदद पर कांग्रेस ने तंज कसा है। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि सरकार का आत्मनिर्भर पैकेज भले लोगों की नजर में मदद था लेकिन सरकार इसे ‘ब्याज कमाओ पैकेज’ के तौर पर देख रही थी। उन्होंने कहा कि आज इसी पैकेज पर लोगों से ब्याज पर ब्याज वसूला जा रहा है, जिस पर कोर्ट से केंद्र को फटकार भी मिली है। उन्होंने कहा कि शायद गरीब जनता की कमर तोड़ने को ही सरकार ‘आपदा में अवसर’ की संज्ञा दी थी।
रणदीप सिंह सुरजेवाला ने केंद्र सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि सरकार के लिए आत्मनिर्भर पैकेज का मतलब है ब्याज कमाओ पैकेज। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “नौकरीपेशा लोगों, दुकानदारों, लघु और माध्यम दर्जे के उद्योगों की किश्तों की अदायगी तो 31 अगस्त, 2020 तक बढ़ा दी गई लेकिन मोदी सरकार न तो ब्याज माफ़ी दे रही, बल्कि उल्टा ब्याज पर ब्याज वसूली कर रही है। क्या सरकार जनता की कमर तोड़ने वाली इस व्यवस्था को ही “आपदा में अवसर” बता रही थी।”
अपने ट्वीट के साथ सुरजेवाला ने एक न्यूज की साझा की है जिसमें लोगों से ब्याज वसूलने को लेकर कोर्ट ने केंद्र तो लताड़ लगाई है। कोर्ट ने कहा कि व्यापारियों का हित देखने के बजाय सरकार जनता के बारे में सोचे। वहीं कोर्ट ने केंद्र को अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए हफ्ते भर का समय दिया है। इस दौरान आरबीआई की आड़ में छिपने को लेकर भी कोर्ट ने केंद्र को फटकार लगाई है।
उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन पीरियड में लोन मोरेटोरियम (मोरेटोरियम यानी लोन की ईएमआई 3 महीने के लिए टालने की सुविधा) मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए सात दिन में हलफनामा देकर ब्याज माफी की गुंजाइश पर स्थिति साफ करने को कहा है। केंद्र पर सख्त होते हुए कोर्ट ने कहा, “लोगों की परेशानियों की चिंता छोड़कर आप सिर्फ बिजनेस के बारे में नहीं सोच सकते। सरकार आरबीआई के फैसले की आड़ ले रही है, जबकि उसके पास खुद फैसला लेने का अधिकार है। डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत सरकार बैंकों को ब्याज पर ब्याज वसूलने से रोक सकती है।” इस मामले में अगली सुनवाई एक सितंबर को होनी है। (एजेंसी, हि.स.)
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