नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा है कि सभी सरकारी रिक्तियों के लिए अनुकंपा (Government Job On Companssasion) के आधार पर नियुक्ति एक रियायत है, अधिकार नहीं है. अदालत ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 के तहत सभी सरकारी रिक्तियों के लिए अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति में सभी उम्मीदवारों को समान अवसर देना चाहिए. हालांकि मानदंडों को लेकर अपवाद हो सकता है.
सबको समान अवसर: SC
‘द हिंदू’ में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा, ‘अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने को लेकर इस अदालत के फैसलों के क्रम में निर्धारित कानून के अनुसार, सभी उम्मीदवारों को बराबर मौका दिया जाना चाहिए. हालांकि, एक मृत कर्मचारी के आश्रित को अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति की पेशकश उक्त मानदंडों में अपवाद है. ऐसे में अनुकंपा का आधार रियायत है, अधिकार नहीं.’
क्या था मामला?
बेंच ने यूपी सरकार (UP Government) की अपील को स्वीकार कर लिया और इलाहाबाद हाई कोर्ट (UP High Court) की एक बेंच के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें राज्य सरकार और पुलिस विभाग को ग्रेड- III सेवा में अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति देने के लिए एक महिला की उम्मीदवारी पर विचार करने का निर्देश दिया गया था.
शीर्ष अदालत ने एकल न्यायाधीश की पीठ के आदेश को भी बहाल कर दिया जिसे खंडपीठ ने खारिज कर दिया था. एकल-न्यायाधीश पीठ ने महिला की ग्रेड- III पद पर उम्मीदवारी को खारिज कर दिया है क्योंकि उसका पति ग्रेड- IV पद पर कार्यरत था, जिसकी मौत हो चुकी है.
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