नई दिल्ली। चेक बाउंस (Cheque Bounce Cases) के बढ़ते मामलों का निपटारा कैसे किया जाए, इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एक पूर्व हाई कोर्ट जज (High Court Judge) की अगुवाई में कमेटी गठित की है. ये कमेटी देश भर में चेक बाउंस के मामलों के जल्द से जल्द निपटारे को लेकर तीन महीने के अंदर सलाह और एक रिपोर्ट सौंपेगी.
‘केंद्र सरकार अलग से कोर्ट बनाने को तैयार’
चीफ जस्टिस एस ए बोबड़े की अध्यक्षता में पांच जजों की बेंच को सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि केंद्र सरकार चेक (Central Government) बाउंस के मामलों के लिए अलग से कोर्ट्स (Separate Courts) बनाने के लिए तैयार है. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते देश भर में चेक बाउंस के 35 लाख पेंडिंग (Pending Cases) मामलों को ‘विचित्र’ बताया था. तब सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा था कि वो ऐसे मामलों के समयबद्ध तरीके से निपटारे के लिए अलग से कोर्ट बनाने को लेकर कानून (Law) लेकर आएं.
‘कई लोगों से अच्छे सुझाव मिले’
बेंच में शामिल जस्टिस एल नागेश्वर राव, बी आर गवई, ए एस बोपन्ना और एस रवींद्र भट ने कहा कि इस मामले पर कई स्टेकहोल्डर्स (stakeholders) के सुझाव भी मिले हैं. बेंच ने कहा कि इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट को जो भी सुझाव मिले हैं वो बेहद उपयोगी, संरचनात्मक हैं, जिस पर ध्यानपूर्व अमल करने की जरूरत है ताकि प्रक्रिया में सुधार और संशोधन अपने आप में कहीं वादी के साथ साथ अदालतों, बार के लिए अड़चन न बन जाए.
कमेटी में कौन-कौन शामिल
बेंच ने बताया कि इस मामले पर हम रिटायर्ड जस्टिस आरसी चौहान (R C Chavan) की अध्यक्षता में एक समिति का गठन कर रहे हैं. इसमें वित्तीय सेवा विभाग से अतिरिक्त सचिव स्तर के अधिकारी, न्याय विभाग, कॉर्पोरेट मामलों के विभाग, व्यय विभाग, गृह मंत्रालय के अधिकारी सदस्य के तौर पर शामिल रहेंगे.
इसके अलावा इसमें एक अन्य सदस्य आरबीआई गवर्नर की ओर से नामित एक सदस्य होगा वहीं इंडियन बैंक एसोसिएशन (Indian Banking Association) के अध्यक्ष की ओर से नामित एक दूसरा सदस्य भी कमेटी में होगा. इसके अलावा नेशनल लीगल सर्विस अथॉरिटी (NALSA) के प्रतिनिधि और सॉलिसिटर जनरल या उनके नॉमिनी भी इसमें शामिल होंगे. कोर्ट ने कहा कि सरकार की ओर से इस कमेटी को लिपिकीय सहायता दी जाएगी.
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