नई दिल्ली । मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा को लेकर (Regarding the Violence in Murshidabad) दायर दो याचिकाओं (Two Petitions filed) पर सुप्रीम कोर्ट में 21 अप्रैल को सुनवाई होगी (Supreme Court will hear on April 21) ।
दरअसल, मुर्शिदाबाद हिंसा की अदालत की निगरानी में जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। याचिकाकर्ताओं ने हिंसा की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के निगरानी में एसआईटी के गठन की मांग की है। साथ ही राज्य की कानून-व्यवस्था की स्थिति में विफलता के लिए भी पश्चिम बंगाल सरकार से स्पष्टता की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट के वकील वकील शशांक शेखर झा और विशाल तिवारी ने यह जनहित याचिका दाखिल की है। मामले में सुप्रीम कोर्ट में डाली गई याचिकाओं पर 21 अप्रैल को सुनवाई होगी। इस पर जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटेश्वर सिंह की बेंच सुनवाई करेगी।
इससे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रदेशवासियों के नाम शांति पत्र लिखा। इसमें उन्होंने लिखा, “विरोधी कभी नहीं चाहते कि कुछ सकारात्मक और अच्छा काम किया जाए।” पत्र के अंत में उन्होंने लिखा, “किसी भी प्रलोभन या बहकावे में नहीं आएं। राज्य में शांति बहाल है।”
राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया था। शनिवार को उन्होंने कहा कि वह पिछले सप्ताह मुर्शिदाबाद में हुई सांप्रदायिक हिंसा की घटना को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के समक्ष उठाएंगे और वहां जमीनी स्तर पर स्थिति पर अपने निष्कर्षों पर एक रिपोर्ट भी केंद्र सरकार को सौंपेंगे।
राज्यपाल ने मुर्शिदाबाद जिले के अशांत इलाकों का दौरा पूरा करने के बाद कोलकाता वापस जाते समय मीडियाकर्मियों से कहा, “मैंने प्रभावित लोगों से जो जाना है, वह यह है कि उन पर बर्बर हमले किए गए हैं। सभ्य समाज में इस तरह के हमले स्वीकार्य नहीं हैं। यह भारतीय लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है। मुझे पता चला कि लोग क्या चाहते हैं। इसलिए मैं अपना संदेश सही जगहों पर पहुंचाऊंगा।”
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