नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) बिलकिस बानो मामले में (In Bilkis Bano Case) बलात्कार और हत्या (Rape and Murder) के 11 दोषियों (11 Convicts) को दी गई माफी के खिलाफ (Against the Pardon) याचिका (Petition) पर विचार करने के लिए तैयार हो गया (Ready to Consider) । सुनवाई के दौरान वकील ने कहा कि एक गर्भवती महिला के साथ बलात्कार किया गया और लोगों को मार दिया गया, इसलिए कोर्ट इस मामले पर सुनवाई करे।
मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमना की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष अधिवक्ता अपर्णा भट और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने मामले की सुनवाई जल्द करने का आग्रह किया। पीठ ने वकील से पूछा कि क्या उन्हें शीर्ष अदालत के आदेश के आधार पर माफी दी गई। सिब्बल ने जवाब दिया कि शीर्ष अदालत ने केवल राज्य को मामले पर विचार करने का निर्देश दिया था और वे रिहाई को चुनौती दे रहे हैं, शीर्ष अदालत के आदेश को नहीं । बेंच ने कहा, ‘हम देखेंगे’।
अपर्णा भट ने अदालत से मामले को बुधवार के लिए सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया। पीठ ने जवाब दिया, पहले कागजात देखते हैं। उम्र कैद की सजा पाने वाले 11 दोषियों को 15 अगस्त को गोधरा उप-जेल से रिहा कर दिया गया था। गुजरात सरकार ने अपनी नीति के तहत उनकी रिहाई की अनुमति दे दी थी।
जनवरी 2008 में, मुंबई में एक विशेष सीबीआई अदालत ने बिलकिस बानो से बलात्कार और उसके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। बॉम्बे हाईकोर्ट ने उनकी सजा को बरकरार रखा। बानो 21 साल की थी और पांच महीने की गर्भवती थी, जब गोधरा ट्रेन में आग लगने के बाद भड़की हिंसा से भागते समय उनके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया।
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