नई दिल्ली। लोन मोरेटोरियम (Loan Moratorium) मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सरकार की लोन मोरेटोरियम पॉलिसी पर दखल देने से इनकार किया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, आर्थिक नीति का क्या हो, राहत पैकेज क्या हो , ये सरकार और RBI परामर्श के बाद तय करेगी।
आर्थिक नीतिगत मसलों पर SC का दखल ठीक नहीं। जज एक्सपर्ट नहीं है, उन्हें आर्थिक मसलों पर बहुत एहतियात के साथ ही दखल देना चाहिए। बता दें कि पिछले साल सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई थीं, जिसमें ईएमआई (EMI) के संबंध में ब्याज पर छूट की मांग की गई थी, जो लोन मोरेटोरियम स्कीम का लाभ उठाने के बाद उधारकर्ताओं द्वारा भुगतान नहीं किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने लॉकडाउन के दौरान बैंक ऋण पर वसूले जा रहे ब्याज पर ब्याज मामले में दखल देने से इंकार किया। इसे याचिकाकर्ताओं को झटका लगा है। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि सरकार की जिम्मेदारी है कि वो आम जनता की सेहत, शिक्षा, आर्थिक स्थिति आदि पर ध्यान देते हुए बेहतर से बेहतर नीति बनाए। कोर्ट आर्थिक मामलों का विशेषज्ञ नहीं है।
नहीं चार्ज किया जाएगा कंपाउंडिग इंट्रेस्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोन मोरेटोरियम का फायदा उठाने वालों पर कम्पाउंडिंग इंट्रेस्ट चार्ज नहीं किया जाएगा। SC ने किसी और वित्तीय राहत की मांग को खारिज कर दिया। लोन मोरेटोरियम पीरियड को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा।
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